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बारदाने की कमी, किसानों के खाते में क्षतिपूर्ति की राशि डालने में भेदभाव का आरोप
29-Dec-2020 5:30 PM
बारदाने की कमी, किसानों के खाते में क्षतिपूर्ति की राशि डालने में भेदभाव का आरोप

भाजपा का धरना-प्रदर्शन, ज्ञापन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
साजा, 29 दिसंबर।
किसानों की समस्या को लेकर सोमवार को किसान मोर्चा के तत्वाधान में भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य मूलचंद शर्मा, ईश्वर पटेल, प्रेमलाल वर्मा, रोहित सिंह ठाकुर, चंद्रशेखर साहू, सहित क्षेत्र के वरिष्ठ भाजपा नेताओं के उपस्थति में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा गया।

ज्ञापन में कहा गया है कि अगर किसानों के साथ अन्याय बंद नहीं किया गया तो किसान मोर्चा आने वाले समय में प्रदर्शन करेगा। आवश्यकता पडऩे पर चक्का जाम भी किया जा सकता है। 
इस संबंध में प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य मूलचंद शर्मा ने बताया कि वर्तमान में जो धान खरीदी जारी है उसमें किसानों को  50 प्रतिशत  बोरा लाने को कहा जा रहा है। बोरे के अभाव में किसानों का धान निकल नहीं पा रहा है और किसान अपना धान नहीं बेच पा रहे हैं। जो वर्तमान में सरकार की ओर से दिए गए निर्देश है जिसमें प्रति बोरा 35 के हिसाब से  बाजारों में खरीदने को किसान मजबूर हो गए हैं। वहीं सरकार ने 15 रुपये प्रति बोरा देना निर्धारित कर दिया है। इस आधार पर प्रत्येक किसान को लगभग  20 का अंतर और बाहर आ रहा है। इसी तरह  प्रदेश में सरकार के द्वारा किसानों के  धान के रकबे को पूर्व में काट दिया गया। मौका निरीक्षण के बाद भी गिरदावरी में अनियमितता बरती गई। राजस्व निरीक्षकों तथा पटवारियों ने मौके का निरीक्षण नहीं कर मात्र पूछताछ के आधार पर रकबे की कटाई कर दी जिससे किसान काफी प्रभावित हुआ है। 

आगे कहा कि इसके पूर्व उन किसानों को जिनका रकबा ठीक था और पूर्व में जो धान बेचा गया था उस सर्वे में भी काफी कटौती कर दी गई है इसके बावजूद सरकार द्वारा  पूरा धान खरीदने की दुहाई दी जा रही है जबकि  जिन रकबों का अंतर आया है उसमें राजस्व अधिकारी  आवेदन जरूर ले रहे हैं लेकिन उसकी बिक्री की अनुमति की गारंटी नहीं ले रहे हैं। 

इसी तरह सरकार ने अतिवृष्टि के मामले को लेकर किसानों के खाते में पैसा डालने की बात कही है लेकिन साजा क्षेत्र के अनेक गांव से शिकायतें निरंतर आ रही हैं। आरोप है कि क्षतिपूर्ति की राशि में भेदभाव किया जा रहा है और अनेक गांव को छोड़ दिया गया है। किसानों की पिछली सरकार के 2 वर्ष का बोनस भी पूरा नहीं आया है  किसानों का कर्जा माफ करने का वादा अधूरा है। बेरोजगारों को 2500 रूपये भत्ता देने की बात कही गई थी लेकिन आज तक इस संबंध में कारगर उपाय नहीं किए गए हैं और न ही भत्ता देने की कार्रवाई की जा रही है। प्रदेश में दस लाख युवाओं को ेरोजगार देने की बात भी झूठी साबित हुई। इसी तरह प्रदेश में किसानों के हित में जो निर्णय लिए गए थे और जो वादा सरकार ने किया था उसे पूरा करने में सरकार विफल रही है। 

प्रदेश में शराबबंदी का वादा भी नहीं निभाया गया है बल्कि घर बैठे शराब बेचने की और भेजने की व्यवस्था कर दी गई है। सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ किसान मोर्चा  शीघ्र ही व्यापक धरना-प्रदर्शन की तैयारी की जा रही है।  उन्होंने साजा क्षेत्र में प्रदेश की सरकार में प्रतिनिधित्व कर रहे कृषि कैबिनेट मंत्री से भी आग्रह किया गया है कि क्षेत्र में आकर किसानों की समस्या का जायजा लेवें और उन्हें राहत प्रदान करें। किसानों के साथ हो रहे अन्याय की भी सुधि लें। ज्ञापन सौंपने के दौरान  पूरण साहू, लालाराम साहू, झगन कन्नौजे, नरपत सिंह, ज्वाला सिंह ठाकुर, मुकेश वैष्णव, बुलाक साहू, सोनऊ निषाद तथा अनेकों लोग मौजूद रहे।
 

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