रायपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
रायपुर, 29 अप्रैल। स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रदेश के स्कूलों और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण (तर्कसंगत समायोजन) की प्रक्रिया को पुनर्जीवित करने के लिए एक संशोधित समय सारिणी जारी की है। इस संबंध मेंस्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने राज्य के समस्त कलेक्टरों और जिला शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में तत्काल कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
संचालक, लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा जारी नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार, शालाओं और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया दो चरणों में पूरी की जाएगी। पहले चरण में शालाओं का चिन्हांकन और समायोजन होगा, जबकि दूसरे चरण में अतिशेष शिक्षकों की पदस्थापना सुनिश्चित की जाएगी।
07 मई तक: विकासखंड स्तरीय समितियों द्वारा शालाओं का चिन्हांकन। 12 मई तक चिन्हांकित शालाओं की सूची जिला स्तरीय समिति को प्रेषण। 15 मई तक जिला समिति द्वारा सूची संचालक, लोक शिक्षण को प्रेषित करना। 18 मई तक: संचालक द्वारा सूची का परीक्षण और शासन को प्रेषण। 25 मई तक शासन द्वारा युक्तियुक्त शालाओं के लिए अंतिम आदेश जारी करना। शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण के लिए समय सारिणी, 15 मई तक विकासखंड स्तरीय समितियों द्वारा अतिशेष शिक्षकों का चिन्हांकन। 20 मई तक अतिशेष शिक्षकों और रिक्त पदों की सूची जिला समिति को प्रेषित करना। 26 मई तक जिला समिति द्वारा सूची का परीक्षण। 04 जून तक जिला समिति द्वारा पदस्थापना आदेश जारी करना। 07 जून तक संभागीय संयुक्त संचालक द्वारा पदस्थापना आदेश जारी करना। 10 जून तक: संचालक, लोक शिक्षण द्वारा अंतिम पदस्थापना आदेश जारी करना।
युक्तियुक्तकरण के तहत 10 से कम दर्ज संख्या वाली प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शालाओं का निकटतम शाला में समायोजन किया जाएगा। शहरी क्षेत्र में 500 मीटर और ग्रामीण क्षेत्र में 1 किलोमीटर से कम दूरी वाली शालाओं, जहां दर्ज संख्या क्रमश: 30 और 10 से कम है, को प्राथमिकता दी जाएगी। हालांकि, नक्सल प्रभावित और दूरस्थ क्षेत्रों में स्थानीय परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए कलेक्टर को विशेष विवेकाधिकार दिया गया है।
स्कूल के सेटअप से होगी छेड़छाड़, विरोध शुरू
दूसरी ओर शालेय शिक्षक संघ ने युक्तियुक्तकरण के नाम पर स्कूल के सेटअप से छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं करने की चेतावनी दी है। संघ ने कहा है कि शिक्षकविहीन स्कूलों में शिक्षक की उपलब्धता का विरोध नही,किंतु प्राथमिक शाला के 5 कक्षा में केवल 2 शिक्षक रहने से बच्चों की शिक्षा व सुरक्षा का बुरा हाल होगा। संघ के वीरेंद्र दुबे ने कहा कि विभागीय हठधर्मिता का है ये हाल,धरातल का नही है ज्ञान और न ही शिक्षक संगठनों के सुझावों को दिया कोई स्थान दिया गया। विषय बंधन से मुक्त कर किया मिडिल स्कूलों में भर्ती पर अब विषय के आधार पर शिक्षकों कीछटाई करेंगे। व्याख्याताओं के मामले में भी कई अव्यवहारिक नियम है।
प्रांतीय महासचिव धर्मेश शर्मा ने कहा कि विभागीय सेटअप से इतर युक्तियुक्तकरण करना प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को चौपट करना है। स्कूलों के सेटअप से छेड़छाड़ कर शिक्षको को बेवजह अतिशेष की श्रेणी में लाकर उनको दूसरी जगह पर भेजना उचित नही है।
शालेय शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रांताध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी और प्रदेश मीडिया प्रभारी जितेंद्र शर्मा ने कहा कि मिडिल स्कूलों में भर्ती विषय बंधन से मुक्त कर की गई, अब युक्तियुक्तकरण में विषय देखकर अतिशेष करेंगे जो कि उचित नही। हायर सेकेंडरी स्कूलों में यदि अतिथि शिक्षक है तो नियमित व्याख्याता को अतिशेष माना जा रहा है जो कि हास्यास्पद है। जिसे विलोपित अथवा संशोधित किया जाना आवश्यक होगा। यह नियम न तो बच्चों के हित में है और न ही कर्मचारियों के।
संघ के प्रांतीय पदाधिकारी सुनील सिंह,विष्णु शर्मा,डॉ सांत्वना ठाकुर,सत्येंद्र सिंह, विवेक शर्मा, गजराज सिंह,राजेश शर्मा,शैलेन्द्र सिंह,प्रह्लाद जैन,सन्तोष मिश्रा,सन्तोष शुक्ला,शिवेंद्र चंद्रवंशी,दीपक वेंताल, यादवेंद्र दुबे,नंद कुमार अठभैया, सर्वजीत पाठक, मंटू खैरवार,पवन दुबे,भोजराम पटेल,विनय सिंह,उपेन्द्र सिंह,आशुतोष सिंह,भानु डहरिया,रवि मिश्रा,जितेंद्र गजेंद्र,कैलाश रामटेके,अजय वर्मा,कृष्णराज पांडेय,घनश्याम पटेल,बुध्दहेश्वर शर्मा,प्रदीप पांडेय,देवव्रत शर्मा,अब्दुल आसिफ खान,अमित सिन्हा, विक्रम राजपूत, द्वारिका भारद्वाज,खेमन साहू, सुशील शर्मा,शशि कठोलिया,विजय बेलचंदन, अशोक देशमुख,तिलक सेन आदि ने सरकार से उपरोक्त मांगो पर जल्द से जल्द निर्णय लेने की मांग की है।