राजनांदगांव

उर्स के अंतिम दिन मुम्बई के कव्वाल ने बांधा समा
29-Apr-2025 3:42 PM
उर्स के अंतिम दिन मुम्बई के कव्वाल ने बांधा समा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
राजनांदगांव, 29 अप्रैल।
दुर्ग की ओर जाने वाले नेशनल हाईवे स्थित पार्रीनाला जलालबाग स्थित हजरत बाबा सैयद जलालुद्दीन शाह रहमतुल्लाह अलैह की दरगाह में इस वर्ष भी 24 अप्रैल से 4 दिवसीय उर्स मुबारक का आयोजन किया गया। इस वर्ष के उर्स में अलग-अलग दिन कई प्रोग्राम हुए। वहीं 27 अप्रैल को अंतिम दिन मुम्बई के मशहूर कव्वाल अजीम नाजा ने कव्वाली की पेश की। इसके अलावा शहर के अलग-अलग इलाकों से लोगों ने चादर भी निकाली।

पहले दिन 24 अप्रैल को गुस्ल की फातेहा रात 2 बजे, परचम गुसाई बाद नमाज फजर, कुरआन ख्वानी बाद नमाज फजर और शाही संदल बाद नमाज मगरीब जामा मस्जिद हुई। वहीं दूसरे दिन 25 अप्रैल को बरोज जुमा बवक्त रात 10 बजे से हजरत बाबा यासीन अली शाह (र.ह.)पामगढ़ शरीफ के साहिबे सज्जादा सैय्यद हामीद अली यासीनी चिश्ती सहाब बिला की मौजूदगी में महफिले का प्रोग्राम किया गया। 26 अप्रैल को रात 9 बजे से अजीमुश्शान तकरीरी प्रोग्राम हुआ। 

 

उर्स के मौके पर जलालबाग स्थित दरगाह को खूबसूरत लाईटिंग से सजाया गया था। इस दौरान दरगाह परिसर में लंगर का भी आयोजन किया गया। 4 दिनों तक चले उर्स मुबारक में बड़ी संख्या में लोगों ने दरगाह पहुंचकर जियारत की। उर्स के मौके पर अंतिम दिन लोगों ने शहर के अलग-अलग क्षेत्रों से चादर निकाली और जो शहर के विभिन्न मार्गों से भ्रमण करते हुए जलालबाग पहुंची और बाबा की शान में चादर पेश की गई।

उर्स के अंतिम दिन 27 अप्रैल को जलालबाग कमेटी द्वारा कव्वाली का भी आयोजन किया गया था। जिसमें देश के मशहूर कव्वाल अजीम नाजा ने अपने कव्वाली की प्रस्तुति देकर लोगों के बीच समां बांधे रखा। इस दौरान उन्होंने अपनी कई फेमस कव्वाली पेश की। पार्रीनाला दरगाह के उर्स पर प्रदेश के आसपास जिलों सहित महाराष्ट्र से भी बड़ी संख्या में लोग यहां पहुंचे थे। 

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