बिलासपुर

आरटीई आवेदनों पर जवाब से असंतुष्ट हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव से मांगा हलफनामा
24-Apr-2025 9:05 PM
आरटीई आवेदनों पर जवाब से असंतुष्ट हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव से मांगा हलफनामा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 24 अप्रैल। राज्य के प्रमुख निजी स्कूलों में आरटीई एक्ट के अंतर्गत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों को प्रवेश नहीं मिलने के मामले में शासन के जवाब पर छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने असंतोष व्यक्त किया है। अब कोर्ट ने स्कूल शिक्षा सचिव से शपथपत्र पर विस्तृत जवाब मांगा है कि गरीब बच्चों के आवेदन पर सरकार क्या कार्रवाई कर रही है।

मालूम हो कि भिलाई के वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता सी.वी. भगवंत राव ने एडवोकेट देवर्षि सिंह के माध्यम से जनहित याचिका दाखिल की है। पहले हुई सुनवाई में सभी पक्षों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था। बुधवार को मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति रविन्द्र अग्रवाल की विशेष खंडपीठ में मामले की सुनवाई हुई।

कोर्ट ने पूछा कि अब तक गरीब बच्चों द्वारा दाखिल आवेदन पत्रों पर सरकार ने कौन से कदम उठाए हैं। इस पर शिक्षा विभाग की ओर से कोई ठोस जानकारी नहीं दी जा सकी, जिस पर कोर्ट ने असंतोष जताते हुए सचिव से शपथपत्र पर जवाब तलब किया। अगली सुनवाई की तारीख 6 मई निर्धारित की गई है।

याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट को अवगत कराया है कि प्रदेश में आरटीई एक्ट के तहत 59 हजार से ज्यादा रिक्त सीटों के लिए 1.22 लाख से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं। सिर्फ रायपुर जिले में ही 5 हजार सीटों के लिए 19 हजार आवेदन मिले हैं। जबकि राजकुमार कॉलेज, डीएवी, डीपीएस जैसे टॉप स्कूलों में महज 3 प्रतिशत छात्रों को ही प्रवेश मिला है।

यह भी आरोप लगाया गया कि शासन के नोडल अधिकारी इस विषय में गंभीर नहीं हैं, साथ ही प्रवेश प्रक्रिया में भी पारदर्शिता का अभाव है।

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