सूरजपुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
प्रतापपुर, 1 अप्रैल। सूरजपुर जिला के तहसील कार्यालय प्रतापपुर में पदस्थ तहसीलदार पर चेरवा समाज संघ ने रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगाते हुए कारवाई की मांग की है। कलेक्टर को आवेदन सौंपते हुए तहसीलदार को तत्काल पद से हटाने और उनके विरुद्ध सख्त जांच करने की मांग की है। संघ ने चेतावनी दी है कि यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की तो उग्र आंदोलन किया जाएगा।
आवेदन पत्र में आरोप लगाते हुए उल्लेख किया गया है कि तहसीलदार ने हाथी क्षति पूर्ति के मामले में प्रार्थी राजेंद्र बघेल (जाति - चेरवा, ग्राम - पोड़ी, तहसील - प्रतापपुर) से अपने रीडर के माध्यम से 10,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। इस शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एंटी करप्शन ब्यूरो ने तहसीलदार के रीडर को रंगे हाथ रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया। यह घटना प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है।
चेरवा समाज संघ के अनुसार, तहसीलदार द्वारा आदिवासी समाज और अन्य वर्गों के लोगों को लगातार परेशान किया जा रहा है। जन्म प्रमाण पत्र, मृत्यु प्रमाण पत्र, सीमांकन आदेश, और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेजों से संबंधित कार्यों में रिश्वत के बिना कोई भी सुविधा नहीं दी जाती। इतना ही नहीं, पटवारियों के माध्यम से एसईसीएल क्षेत्र कनकनगर और मदननगर के मुआवजा मामलों में भी भ्रष्टाचार व्याप्त है, जिससे किसान और आम नागरिकों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
उग्र आंदोलन की चेतावनी
चेरवा समाज संघ, प्रतापपुर ने प्रशासन से मांग की है कि तहसीलदार को दो दिनों के भीतर तत्काल पद से हटाया जाए और उनके खिलाफ निष्पक्ष जांच कर सख्त कार्रवाई की जाए। यदि प्रशासन ने समय रहते कोई कदम नहीं उठाया तो संघ उग्र आंदोलन और तहसील कार्यालय का घेराव करने पर बाध्य होगा। इस स्थिति के लिए शासन-प्रशासन पूरी तरह जिम्मेदार होगा।