‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 17 मार्च। जिले के शहरी और ग्रामीण अंचलों में होली की धूम रही। लोग सुबह से ही रंग-गुलाल में सराबोर हो गए। लोग आपसी कड़वाहट को भूलकर एक-दूसरे को रंगने लगे। छिटपुट घटनाओं के बीच लोगों ने जमकर होली खेली।
पर्व से एक दिन पूर्व लोगों ने होलिका दहन किया। होलिका और गोद में भक्त प्रह्लाद की मूर्तियां बनाई गईं और होलिका की बर्बरता को याद करते हुए उसका दहन किया गया। इसके बाद लोगों ने फेरियां भी लगाई। होलिका दहन को बुराई पर अच्छाई की जीत माना जाता है। इस बार हर्बल कलर मार्केट में लोगों की पसंद बने रहे। वहीं बच्चों के लिए डिजाइनर पिचकारियां भी बिकीं। छिटपुट मारपीट की घटनाएं सामने आईं। इसे देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पहले से ही तैयारियां की थीं।
जमकर उड़े रंग - गुलाल, मोहल्लों से सडक़ों तक दिखी उमंग
होली शुक्रवार को बारगांव में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। हर तरफ होली की धूम थी। बच्चे, बूढ़े, जवान सभी होली की मस्ती में थे। यहां छिटपुट घटनाओं को छोड़ गांव में होली शांतिपूर्ण रहीं। कहीं से किसी अप्रिय घटना नहीं हुई। गुरुवार की शाम होलिका दहन के बाद से ही लोग होली के रंग में रंगने लगे थे। सुबह होते- होते लोग होली की मस्ती में डूब गए। बच्चों की मस्ती तो गुरूवार शाम से ही दिखने लगी थी। शुक्रवार को होली आई रे कन्हाई, रंग बरसे की धून पर लोगों का जो थिरकना शुरू हुआ वह दोपहर तक जारी रहा। सडक़ पर मतवालों की टोली चलती रही।
कोसपातर में फाग में झूमते रहे ग्रामीण
गांव में होली की उमंग और उत्साह देखते ही बन रहा था। कोसपातर में फाग गाते व युवाओं की टोली झूमती रही। बच्चे सुबह से ही रंग, पिचकारी लेकर घर से निकल गए और अपने हम उम्र साथियों के साथ होली के आनंद में मशगूल हो गए। युवाओं की भी अपनी अलग महफिल जमीं थी। यह नजारा मुहल्ले के हर गली और चौक-चौराहे पर दिख रहा था। महिलाओं की टोली भी किसी से कम नहीं थी। घर की छत पर महिलाओं की महफिल जमी थी। महिलाओं ने भी होली का आनंद उठाया। सभी एक- दूसरे को रंगने में जुटी हुई थी। लोगों ने होली में लजीज व्यंजनों के स्वाद चखें। होली की बधाई देने वालों की भी कमी नहीं थी।