खामियां दूर होने के बाद फिर से पोर्टल ओपन कर दी जाएगी-डीईओ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद,13 मार्च। शिक्षा के अधिकार आरटीई के तहत प्राइवेट स्कूलों में प्रवेश के लिए ऑनलाइन शुरू हो गई थी जो तकनीकी खामियों बंद हो गई हैं। बताया जा रहा है कि आवेदन में आ रही त्रुटियों के कारण ही आरटीई के पोर्टल को बंद कर दिया गया है। केवल पहले दिन ही यानी एक दिन यह पोर्टल चली थी। अत: अब आवेदन जमा नहीं हो रहा है। पालक आवेदन करने भटक रहे हैं। यह स्थिति बीते 10 दिनों से बनी हुई है।
जानकरी के मुताबिक बीते 1 मार्च को आरटीई में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए पोर्टल शुरू हुआ था। लेकिन पहले ही दिन समस्या आ गई। अत: 2 मार्च से पोर्टल बंद है। अब पालक शिक्षा विभाग और च्वाइस सेंटरों में जानकारी लेने चक्कर लगा रहे हैं। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार जिले में कुल 217 प्राइवेट स्कूल संचालित हंै। ऑनलाइन आवेदन करने की तिथि 1 से 31 मार्च तक निर्धारित की गई है। इसके लिए स्कूलों में 1700 सीटों के लिए प्रवेश होगी। अब यह प्रक्रिया शुरू करने के लिए विभाग द्वारा सूचना दी जाएगी।
इस मामले में महासमुंद डीईओ मोहन राव सावंत ने कहा कि ऑनलाइन आवेदन में त्रुटि के कारण पोर्टल बंद की गई है। खामियां दूर होने के बाद फिर से पोर्टल ओपन कर दी जाएगी। पालकों को इसकी सूचना दी गई है। जल्द ही प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। निजी स्कूलों में प्रवेश के लिए ये दस्तावेज अनिवार्य: आरटीई में केवल आर्थिक रूप से पिछले वर्ग के लोग ही आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए उनके पास गरीबी रेखा का प्रमाण पत्र होना चाहिए। राशन कार्ड में बच्चों का नाम होना अनिवार्य है। आधार कार्ड और नगर पालिका, ग्रामीण स्तर पर सचिव द्वारा सत्यापित गरीबी रेखा प्रमाण पत्र अनिवार्य है।
उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में 17 मार्च से दस्तावेजों की जांच 25 अप्रैल तक प्रस्तावित है। लॉटरी व आवंटन एक मई से अप्रैल तक प्रस्तावित है। निजी स्कूलों में में प्रवेश लेने की प्रक्रिया 5 से 30 मई तक होनी है। पिछले वर्ष आरटीई के तहत कुल 1702 सीटें आरक्षित थीं और 1604 बच्चों ने एडमिशन लिया था।
आरटीई प्रभारी देवेश चंद्राकर ने बताया कि पोर्टल शुरू होने के बाद आवेदन कर सकते हैं। आरटीई के पोर्टल में हर साल आवेदन करने के दौरान खामियां आती है। लेकिन विभाग के द्वारा इसे अभी तक सुधारा नहीं जा सका है। यही वजह है कि तकनीकी त्रुटि के कारण ऑनलाइन आवेदन में लेटलतीफी होती है। पिछले साल भी इसी तरह तकनीकी खामियां आई थी। आधी-अधूरी तैयारी के साथ शिक्षा के अधिकार के तहत आवेदन की प्रक्रिया शुरू की गई थी। हर बार छात्रों के एडमिशन की प्रक्रिया देरी होती रही है। इससे छात्र भी पढ़ाई प्रभावित होती है। इसके चलते इसका असर बच्चों के परीक्षा रिजल्ट पर पड़ता है।
डीईओ ने बताया कि अगर किसी भी तरह की शिकायत करनी है तो इसके लिए पालक या छात्र आरटीई के पोर्टल में शिकायत निवारण में कर सकते हैं। जिसका समाधान किया जाएगा। इसके लिए आवेदन का नाम, मोबाइल नंबर,ईमेल आईडी,समस्या का प्रकार में जानकारी सबमिट करनी है। साथ ही इसका समाधान की जानकारी भी उपलब्ध कराई जाएगी। इस अधिनियम के तहत 3 से साढ़े 6 वर्ष तक के बच्चे किसी भी प्राइवेट स्कूल के प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश ले सकते हैं। इस योजना से प्रवेशित छात्र कक्षा 12वीं तक नि:शुल्क चयनित स्कूल से अध्ययन कर सकते हैं। पात्र छात्रों को नर्सरी से 12 वीं तक नि:शुल्क शिक्षा दी जाती है।