महासमुन्द

बसना नपं के अध्यक्ष निर्वाचन की घोषणा रोकने की मांग- अंकित
14-Feb-2025 3:07 PM
बसना नपं के अध्यक्ष निर्वाचन की  घोषणा रोकने की मांग- अंकित

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
पिथौरा, 14 फरवरी।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अंकित बागबाहरा ने जिला निर्वाचन अधिकारी के नाम से लिखित में शिकायत सह प्रमाण पेन ड्राइव सौप कर बसना नगर पंचायत के अध्यक्ष पद के निर्वाचन की घोषणा रोके जाने व एफ आईआर कराने की मांग की है ।

अंकित ने बताया कि नगर पंचायत बसना के चुनाव में अध्यक्ष पद के निर्वाचन हेतु चार लोगों ने नामंकन दाखिल किया था, परंतु छंटनी पश्चात नाम वापसी की अंतिम तारीख को 3 प्रत्याशियों ने अचानक नाम वापस ले लिया था और भाजपा प्रत्याशी डॉ. खुशबू अग्रवाल ही एकमात्र प्रत्याशी बची ।

इसी परिपेक्ष्य में मेरे द्वारा निर्वाचन अधिकारी बसना नगर पंचायत से दिनांक 1/2/25 को पत्र लिख  बसना निर्वाचन में लोकतंत्र की हत्या की जांच करवाने बावत व सीसीटीवी फुटेज व कॉल रिकॉर्ड्स की लिखित में मांग की गयी थी । परंतु आज दिनांक तक किसी भी प्रकार का पत्राचार उनके द्वारा नही किया गया व एक बार बात करने पर कार्यालय समय पर ही जवाब दे पाऊंगा कहा गया पश्चात कभी फोन नही उठाया गया ।पूरे मामले की लगभग 4 से 5 दिन पूर्व लगभग 32 मिनट के एक वीडियो में इसकी पूरी स्टोरी बताई और उसमें बताया गया कि कैसे आम आदमी पार्टी की प्रत्याशी रही श्रीमती अमरीन गिनानी के पति श्री इरफान गिनानी (इल्लु ) वार्ड 14 के पार्षद प्रत्याशी ने बताया कि कैसे भाजपा प्रत्याशी के ससुर श्री डॉ एन के अग्रवाल ने उन्हें व उनकी पत्नी को अध्यक्ष पद से नाम वापस लेने उपाध्यक्ष बनाने का लालच दिया और उनके लिए दो वार्ड क्रमश: 14 व 15 को निर्विरोध करवाने साजिश भी रची । उसमें कई नामों जैसे साजिद चमडिय़ा पदमपुर उड़ीसा निवासी , डॉ एन के अग्रवाल निवासी बसना, जौहरी कांग्रेस की वार्ड 15 प्रत्याशी रहीं निवासी बसना, सुमित अग्रवाल ( बसना विधायक श्री संपत अग्रवाल के पुत्र) वाधवा,जसवंत सिंह सलूजा, निवासी बसना सहित कई  नामों का स्पष्ट उल्लेख है जिसमें बड़ी साजिश स्पष्ट दिख रही है । और लोकतंत्र की हत्या की गई व आम जन को उनके मताधिकार के प्रयोग से रोका गया स्पष्ट पता चल रहा है ।

ऐसे में निर्वाचन प्रक्रिया में लालच व डर के माध्यम से अन्य दावेदारों का नाम वापस करवाया जाना स्पष्ट हो रहा है, और भ्रष्टाचार कर चुनाव को प्रभावित किया गया है स्पष्ट हो रहा है । ऐसे में अंकित ने  जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 में या स्थानीय निर्वाचन के नियमों के तहत अनुचित प्रभाव: यदि किसी उम्मीदवार को डराकर या लालच देकर चुनाव से हटने के लिए मजबूर किया जाता है, तो यह भ्रष्ट आचरण माना जाता है साथ ही इसी में एफ आई आर का भी प्रावधान है।

अत: अंकित बागबाहरा ने मांग की है कि अध्यक्ष पद के निर्णय को रोका जाएअपराध भी दर्ज करवाया जाये व पुन: बसना नगर पंचायत के अध्यक्ष पद  का चुनाव करवाया जाए ताकि लोकतंत्र जीवित रह सके और उसकी आत्मा की पवित्रता बनी रह सके।

इस मे सबूत स्वरूप उस 32 मिनट के वीडियो की पेन ड्राइव भी सौंपी है व दिनांक 1 फरवरी को एसडीएम बसना को सौंपे पत्र की छायाप्रति भी दी है । अंत मे अंकित ने बताया कि यदि शासन के दबाव में इस पर नियमानुसार कार्रवाई नहीं होती है तो न्यायालय का दरवाजा भी खटखटाने की बात कही ।
 

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