जिले भर के 182 सोसायटियों में धान खरीदी की लिमिट फुल
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
महासमुंद, 6 दिसंबर। सप्ताह के बीच में ऑनलाइन पोर्टल खोले जाने की वजह से कल जिले के हजारों किसानों ने ऑनलाइन टोकन कटा लिया। फलस्वरूप अब 15 जनवरी तक टोकन नहीं कटेगा। तथा अब अन्य किसानों को धान अपनी फसल डेढ़ माह घरों अथवा खलिहान में सहेज के रखना पड़ेगा।
मिली जानकारी के अनुसार पहले शनिवार. रविवार टोकन कटता था। फलस्वरूप किसानों को तथा सोसायटियों को धान खरीदी के दौरान अव्यवस्था का सामना नहीं करना पड़ता था। हालांकि छोटे किसानों के पास ऑफ लाइन विकल्प है। परसों बुधवार को हुआ यह कि एकाएक पोर्टल ओपन कर दिया गया तथा पोर्टल ओपन होने की जानकारी किसानों के बीच फैलते ही हजारों बड़े किसानों ने ऑनलाइन टोकन कटा लिया।
अब स्थिति यह है कि जिले भर के 182 सोसायटियों में धान खरीदी की लिमिट फु ल हो गई। यानी अब अन्य किसानों का टोकन 15 जनवरी के बाद कटेगा। ऐसे में 15 जनवरी के बाद आने वाले किसानों को महज खरीदी के लिए 15 दिनों का ही समय मिल पाए। इसमें भी अनेक छुट्टियां पड़ेगी जिसमें खरीदी प्रभावित रहेगी। एकाएक पोर्टल खोले जाने की वजह से 15 जनवरी तक किसानों ने बुक करा लिया है। टोकन कटाने से वंचित किसानों को 15 जनवरी तक अपनी उपज सहेज कर रखना होगा।
जानकारी के अनुसार नियमत: 5 एकड़ से कम वाले यानी 70 फीसदी छोटे किसानों तथा 30 फीसदी बड़े किसानों का है। खाद्य विभाग के पोर्टल से मिली जानकारी के अनुसार जिले भर में 39878 किसानों से कुल 197522.72 टन धान का उपार्जन किया जा चुका है। इनमें से महज 48 टन ही संग्रहण केंद्र को प्रदाय किया गया है। उपार्जन केंद्रों में हड़ताल आदि की वजह से इस बार अब तक 197522.72 टन धान का उठाव शेष है। जबकि 30 से 40 हजार कट्टे का डीओ कट चुका है।
मालूम हो कि जिले भर की सोसायटियों में बफ र लिमिट से अधिक धान का उपार्जन किया चुका है और अब सोसायटियों में जगह का अभाव है। अब धान रखने के लिए सोसायटियों में बिल्कुल जगह नहीं है। सोसायटी प्रबंधकों ने कलेक्टर को आवेदन देकर कहा है कि यदि 7 दिनों के भीतर धान का उठाव नहीं हुआ तो वे खरीदी बंद कर देंगे। ऐसे में जिनका टोकन कट चुका है वे भी हलाकान होंगे। इसके अलावा आगामी सोमवार को एक बार फिर मौसम वैज्ञानिकों ने बारिश की चेतावनी दी है। ऐसे में फि र एक बार खरीदी प्रभावित होने की संभावना है।