बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 12 नवंबर। धान खरीदी शुरू होने पहले प्रदेश भर के सेवा सहकारी समिति के कर्मचारियों ने शासन द्वारा तय किए गए नए धान उपार्जन नीति के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया है। वहीं समिति कर्मचारियों ने अपने 3 सूत्रीय मांगों को लेकर प्रदेश भर के संभाग स्तर में अनिश्चिकालीन धरना प्रदर्शन कर दिया है। यदि 14 नवंबर तक समिति कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त नहीं हुई तो धान खरीदी प्रभावित होना तय है। प्रदेशभर के 13 हजार समिति कर्मचारियों में समितियों के प्रभारी प्रबंधक, लेखापाल, सेल्समैन, चपरासी चौकीदार सभी शामिल है।
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति महासंघ के आव्हान पर समिति कर्मचारी अपनी 03 सूत्रीय मांगो पर अड़े हुए है जिसमें प्रत्येक समिति को 3-3 लाख रुपए प्रबंधकीय अनुदान देने आदेश करने एवं मध्यप्रदेश की तर्ज पर छत्तीसगढ़ में सेवा नियम में आंशिक संशोधन करते हुए पुनरीक्षित वेतन मांग लागू करने सहित समर्थन मूल्य में धान खरीदी करने व धान संग्रहण के बाद हुई संपूर्ण सूखत को मान्य करने, धान खरीदी नीति में 16.9 फीसदी के प्रावधान को लागू करने की मांग की है। संभाग स्तरीय प्रदर्शन होने के कारण प्रदेश के खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल के गृह जिला बेमेतरा जिला के 102 समितियों के कर्मचारी दुर्ग में संभाग स्तरीय प्रदर्शन में शामिल हो रहे हैं।
सेवा सहकारी समिति के प्रभारी समिति प्रबंधकों ने बताया कि धान की सूखत 17 फीसदी के हिसाब से खरीदी होती है। अंतिम में शासन से 12 से 13 फीसदी सुखत देकर राहत दी जाती है। नए उपार्जन नीति में सूखत मान्य नहीं होगा जिससे सीधा नुकसान समिति का होना तय माना जा रहा है। वहीं इलेक्ट्रॉनिक काटा से तौल धान नहीं सोने की तौल होगी इसमें धान के गिरने चूहे द्वारा किए गए नुकसान भी समिति को भरना पड़ेगा।
रायपुर में हड़ताल में बैठे समिति कर्मचारियों को मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की जहां मुख्यमंत्री द्वारा उनकी मांगों को मानने आश्वासन दिया गया है, परंतु समिति कर्मचारी लिखित आश्वासन को लेकर अड़े हुए है और अब तक अपना हड़ताल समाप्त नहीं किया है।