‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
धमतरी, 29 सितंबर। जिले में 18वां विश्व रेबीज दिवस 28 सितंबर को मनाया गया। इसका मुख्य उद्देश्य एंटी रेबीज वैक्सीनेशन के प्रति जागरूकता व रेबीज से बचाव और प्रबंधन के उपाय के बारे में जागरुकता फैलाना है। इस साल का थीम ‘ब्रेकिंग रेबीज बाउंड्रीस’ है। सीएमएचओ डॉ. यूएल कौशिक ने जिले में रेबीज जागरूकता सप्ताह मनाने प्रचार रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
इस प्रचार रथ के जरिए शहरी क्षेत्र की जनता को रेबीज बीमारी से बचाव एवं समय पर एंटी रेबीज टीकाकरण तथा सतर्कता बरतने लाउडस्पीकर के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है। जिला पशु चिकित्सालय धमतरी परिसर में निशुल्क रेबीज टीकाकरण शिविर लगा, जिसमें 112 कुत्ते के अलावा, बिल्ली, बछड़े एवं बकरियों में रेबीज टीकाकरण किया गया। सीएमएचओ डॉ. यूएल कौशिक ने बताया कि रेबीज एक विषाणु जनित रोग है। इसका संक्रमण मनुष्य और गर्म-खून वाले जानवरों के मस्तिष्क व तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। रेबीज संक्रमण उपरांत यह पूर्णता जानलेवा होता है।
रेबीज के लक्षण शुरू होने के पूर्व टीकाकरण द्वारा रेबीज को आसानी से रोका जा सकता है। मनुष्यों में रेबीज कुत्ते के काटने-खरोचने से फैलता है। इसके अलावा बिल्ली, नेवले, बंदर, अन्य गर्म खून वाले जानवर के काटने खरोंचने से भी फैलता है। इसके मुख्य लक्षण घाव के स्थान पर दर्द या खुजली होना, तेज बुखार होना, दो चार दिन के लिए स्थायी सिरदर्द होना आदि हैं।
दवा कंपनियों के सहयोग से 145 पशुओं के लिए कृमिनाशक दवा, जूं एवं बाह्य परजीवी नाशक दवा, फीड सप्लीमेंट, डॉग फूड, टॉनिक, डॉग शैंपू आदि का वितरण किया। शिविर में उपसंचालक डॉ. एमएस बघेल, अतिरिक्त उपसंचालक डॉ. टीआर वर्मा, डॉ. मयंक पटेल, डॉ. सुरेन्द्र कुर्रे, प्रेमलाल साहू, देवव्रत नेताम, पुष्कर साहू, अनुज देवांगन, मो. खीज खान, रोहित तेजपाल, अनिक मजूमदार, हसीन बिसेन उपस्थित थे
32 स्वास्थ्य केंद्रों में लग रहा टीका
जिले में ‘राष्ट्रीय रेबीज नियंत्रण’ कार्यक्रम के तहत जिला चिकित्सालय व जिला के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में 32 एंटी रैबीज क्लिनिक (कुत्ता, सांप काटने का उपचार कक्ष) की स्थापना की गई है। जहां पर इससे संबंधित सभी उपचार एंटी रेबीज का टीका लगाया जाता है। स्वास्थ्य विभाग की निशुल्क स्वास्थ्य परामर्श टोल फ्री नम्बर 104 पर डायल कर स्वास्थ्य संबंधी सभी जानकारी ले सकते हैं।
शहर के इन वार्डों में ज्यादा समस्या
शहर के इतवारी बाजार, साल्हेवार पारा, गोल बाजार, गणेश चौक, गोकुलपुर, जालमपुर, दानीटोला, विंध्यवासिनी वार्ड, पोस्टऑफिस वार्ड, सोरिद वार्ड जोधापुर, हटकेशर, शीतलापारा, लालबगीचा वार्ड में सबसे ज्यादा समस्या है। सुबह मॉर्निंग वाक करने निकलने वाले लोग ज्यादातर कुत्ते के शिकार हो रहे हैं।
सात साल पहले 11 लाख रुपए खर्च कर करीब 2 हजार कुत्तों की बधियाकरण भी करवाई गई। इसके बाद डॉग हाउस बनाने के लिए साल 2018-19 के बजट में 55 लाख का प्रावधान रखा गया, लेकिन यह ढकोसला साबित हुआ। इस दिशा में नेता, अफसरों ने काम ही नहीं किया।
7 साल से एक भी कुत्ते का बधियाकरण ही नहीं हुआ है। निगम के मुताबिक कुत्तों की अनुमानित संख्या करीब 20 हजार हो गई है। बीते साल जानवरों के काटने के 4716 केस आए थे, इनमें से 4342 केस कुत्तों के हैं।