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जेएनएलयू में 4वां महात्मा गांधी स्मृति व्याख्यान
रायपुर, 1 फरवरी। हिदायतुल्लाह नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी (एचएनएलयू ), रायपुर ने बताया कि 4वां महात्मा गांधी स्मृति व्याख्यान 30 जनवरी 2025 को शहीद दिवस के अवसर पर आयोजित किया। यह व्याख्यान, जिसका मुख्य विषय कानून और न्याय पर गांधी के विचारों की शाश्वत प्रासंगिकता रहा , प्रो. (डॉ.) आर. वेंकट राव, कुलपति, आईयूएलईआर गोवा एवं डिस्टिंगुइश्ड जूरिस्ट प्रोफेसर , एचएनएलयू द्वारा दिया गया। एचएनएलयू के कुलपति प्रो. वी.सी. विवेकानंदन ने अपने प्रारंभिक संबोधन में गांधी के अहिंसा और सत्याग्रह के दर्शन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि ये सिद्धांत आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं। उन्होंने प्रो. आर. वेंकट राव का परिचय देते हुए कहा कि वे इस स्मृति व्याख्यान को प्रस्तुत करने के लिए सर्वथा उपयुक्त वक्ता हैं।
एचएनएलयू ने बताया कि अपने व्याख्यान में प्रो. वेंकट राव ने बताया कि महात्मा गांधी का नैतिक कानून, न्याय और समाज में कानून की भूमिका पर गहरा प्रभाव था। उन्होंने सत्य, अहिंसा और मानव गरिमा के उनके शाश्वत सिद्धांतों को रेखांकित किया। प्रो. राव ने कहा कि गांधी केवल एक राजनीतिक नेता ही नहीं, बल्कि एक महान विधि विचारक भी थे, जिन्होंने नैतिक रूप से जागरूक कानूनी व्यवसाय का समर्थन किया। गांधी का विधिक दर्शन इस सिद्धांत पर आधारित था कि न्याय सत्य और सामाजिक कल्याण से जुड़ा होना चाहिए। उन्होंने गांधीवादी दृष्टिकोण को निम्नलिखित रूप में प्रस्तुत किया।
एचएनएलयू ने बताया कि प्रो. राव ने गांधी द्वारा अनियंत्रित औद्योगीकरण और शहरीकरण की आलोचना, विकेन्द्रीकृत शासन की वकालत, और यह विचार कि वकीलों को संघर्ष बढ़ाने के बजाय विवादों के समाधान पर कार्य करना चाहिए।