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नई दिल्ली, 25 जनवरी। भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए ‘हेल्थकेयर ष्टस्क्र कैटलिस्ट स्टेकहोल्डर्स मीट 2025’ का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञों, कॉर्पोरेट जगत के अधिकारियों और सामुदायिक कार्यकर्ताओं ने स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच और वितरण में मौजूद कमियों को दूर करने के लिए आवश्यक रणनीतियों पर चर्चा की।
गैप्स टू ब्रिजेस थीम के तहत आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर ) दृष्टिकोण को पुनर्परिभाषित करना और सहयोग व नवाचार के माध्यम से स्थायी स्वास्थ्य प्रभाव को बढ़ावा देना था। करीब 100 प्रतिभागियों ने विभिन्न पृष्ठभूमियों से इस मीट में भाग लिया। इस दौरान स्वास्थ्य सेवा में सीएसआर फंडिंग को अधिक प्रभावी बनाने और मौजूदा चुनौतियों, जैसे फंड का सही आवंटन न होना और सीमित पहुंच, पर चर्चा की गई।
विशेषज्ञों ने यह बात मानी कि भारत में 85त्न लोग स्वास्थ्य साक्षरता (हेल्थ लिटरेसी) से वंचित हैं। इसलिएसीएसआर फंड का उपयोग जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य जागरूकता और शिक्षा बढ़ाने के लिए किया जाना चाहिए। कार्यक्रम में चर्चा करते हुए, डॉ. अनुप मिश्रा, पद्मश्री पुरस्कार विजेता और चेयरमैन, फोर्टिस सीएसआर हॉस्पिटल फॉर डायबिटीज एंड एलाइड साइंसेज, ने कहा, भारत में मेडिकल रिसर्च को आगे बढ़ाने के लिए ष्टस्क्र फंडिंग बहुत महत्वपूर्ण है। कॉर्पोरेट्स को सीएसआर जैसे संगठनों के नेतृत्व वाले रिसर्च क्षेत्रों में सक्रिय रूप से निवेश करना चाहिए ताकि गंभीर स्वास्थ्य चुनौतियों का समाधान किया जा सके।
सीएसआर फंड के उपयोग में नैतिकता को प्राथमिकता देना जरूरी है। कॉर्पोरेट्स को इन चर्चाओं में अधिक सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए, ताकि फंड का सही उपयोग समुदायों के लाभ के लिए हो। डॉ. मोहसिन वली, पद्मश्री पुरस्कार विजेता और सीनियर कंसल्टेंट, सर गंगा राम हॉस्पिटल, ने कहा, भारत में 85 प्रतिशत लोगों में स्वास्थ्य साक्षरता का स्तर कम है, जिसे तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। सीएसआर फंडिंग के माध्यम से जागरूकता पहल चलाकर इस खाई को पाटा जा सकता है, जिससे समुदायों को स्वस्थ जीवन जीने के लिए सशक्त बनाया जा सके।
सीएसआर गांधीवादी आदर्शों को दर्शाता है और इसे प्रभावी परिणामों के लिए पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप में शामिल होना चाहिए। ष्टस्क्र मानवता की सेवा करने की भावना है। ॥श्व्ररु फाउंडेशन द्वारा शुरू की गई ‘निरोग नगरपालिका’ जैसी पहल जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सुधार को बढ़ावा दे सकती है। फाउंडेशन के संस्थापक और चेयरमैन, डॉ. स्वदीप श्रीवास्तव, ने इस कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा, "हमारा उद्देश्य स्वास्थ्य-केंद्रित ष्टस्क्र खर्च, जो वर्तमान में ?25,000 करोड़ है, को प्रेरित करना और इसे सबसे कमजोर वर्ग तक पहुंचाना है, जिससे भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य पर स्थायी प्रभाव डाला जा सके।
मीट के दौरान, श्री अश्वनी महाजन, पूर्व प्रोफेसर, दिल्ली विश्वविद्यालय और स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संयोजक, ने कहा,सीएसआर का हमारी संस्कृति में गहरी जड़ें हैं।