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रायपुर, 14 अप्रैल। छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2022.2023 का टैरिफ ऑर्डर निकाला गया है जिससे प्रदेश के स्टील रोलिंग मिलों को बिजली की महंगाई का करंट लग चुका है। 15 पैसे प्रति यूनिट वृद्धि रोलिंग मिलों के लिए इस दौर में बड़ा झटका है। कोरोना के दौर में दो वर्षां में रोलिंग मिलों की हालत वैसे भी खराब है।
अब राज्य विद्युत नियामक आयोग के फैसले के बाद रोलिंग मिलों को और महंगाई का सामना करना पड़ रहा है। प्रदेश में रोलिंग मिलों के लिए बिजली की दरें सबसे अधिक 9 रुपये हैं वहीं बड़े स्टील उद्योगों को 5ण्50 रुपये प्रति यूनिट में बिजली मिल रही है जिससे छोटी रोलिंग मिले प्रतिस्पर्धा में टिक नही पा रही है।
13 अप्रैल के टैरिफ ऑर्डर के बाद रोलिंग मिलों के लिए दरें और बढ़ चुकी है। इस स्थिति के मद्देनजर बुधवार को रोलिंग मिल एसोसिएशन ने विशेष बैठक के दौरान यह निर्णय लिया कि संकट के दौर गुजर रहे रोलिंग मिलों को संजीवनी के लिए राज्य सरकार से सब्सिडी के जरिए राहत पैकेज की मांग की जाएगीए ताकि छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा राजस्व और रोजगार देने वाले उद्योगों को डूबने से बचाया जा सके।
इससे पहले माननीय राज्य विद्युत नियामक आयोग के समक्ष छत्तीसगढ़ रि.रोलर्स एसोसिएशन ने कई मांगें रखी थी। बिजली के दरों के युक्ति.युक्त करण को लेकर प्रस्ताव भी दिया गया था। इस संबंध में माननीय मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से मांग की जाएगी कि रोलिंग मिलों के लिए विशेष पैकेज जारी किया जाएंए जिससे उत्पादन जारी रहे और लोगों को रोजगार भी मिलता रहे।
क्योंकि 9 रुपये से अधिक प्रति यूनिट बिजली की दरों से रोलिंग मिलें ज्यादा दिन तक नहीं चल पाएगी। इस प्रस्ताव को लेकर एसोसिएशन के पदाधिकारी माननीय मुख्यमंत्री से शीघ्र मुलाकात कर बन्द होती रोलिंग मिलों को बचाने हेतु विशेष राहत पैकेज देने का अनुरोध करेंगे। यह भी उल्ल्लेखनिय है कि हमारी यह रोलिंग मिल इकाइयां सबसे ज्यादा रोजगार देती है एवं वेल्युएडिशन से शासन को ळैज् के रूप में अतिरिक्त राजस्व भी प्राप्त होता है।


