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महोत्सव में बिखरेगी छत्तीसगढ़ की लोक कला, संस्कृत की झलक
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 13 अप्रैल। डॉ.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में 20 से 23 अप्रैल तक 4 दिवसीय रामन् लोक कला महोत्सव आयोजित किया जाएगा। इसमें तीन दिनों तक प्रदेश के लोक कला एवं संस्कृति की छटा बिखरेगी और अंतिम चौथे दिन 23 अप्रैल को वार्षिक उत्सव होगा। इसमें विश्वविद्यालय के विद्यार्थी रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। इस दौरान प्रतिभावान और विभिन्न प्रतियोगिता में विजयी विद्यार्थियों को पुरस्कृत भी किया जाएगा।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव गौरव शुक्ला ने बताया कि छत्तीसगढ़ लोककला, संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के उद्देश्य से प्रतिवर्ष विश्वविद्यालय में रामन् लोककला महोत्सव का आयोजन किया जाता है। 4 दिनों तक आयोजित होने वाले इस महोत्सव में पूरे छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। छत्तीसगढ़ की लोककला एवं संस्कृति की पारंपरिक सतरंगी छटा विश्वविद्यालय में रौशन होती है। समूचा छत्तीसगढ़ डा.सी.वी.रामन् विश्वविद्यालय में बस हुआ दिखाई पढ़ता है। साथ ही साथ केंद्र सरकार, राज्य सरकार, स्थानीय निकाय, सहित निजी संस्थानों एवं कलाकारों की प्रदर्शनी भी लगाई जाती है। जो पूर्णत: नि:शुल्क होते हैं। जिसमें सरकार के लाभकारी और जनहित योजनाओं, नियमों, सहित सभी विषयों की जानकारी विद्यार्थियों एवं आगंतुओ को प्रदान की जाती है। महोत्सव में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के साथ पारंपरिक मेले का आयोजन भी किया जाता है। इस वर्ष के आयोजन की तैयारियां लगभग पूर्ण कर ली गई है।
प्रदेश के सभी जिलों से आए लोककला कला कर अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे। केंद्र व राज्य सरकार के कई विभागों ने अपनी सहमति प्रदान कर दी है। इसी तरह लोक कलाकरों की सभी टीमों की आने की स्वीकृति मिल गई है। इस दौरान पूरे विश्वविद्यालय परिसर को छत्तीसगढ़ी थीम में सजाया जा रहा है। इसमें पूरे प्रदेश की लोक कला और संस्कृति की झलक दिखाई देगी। आयोजन के 4 चौथे दिन यानी 23 अप्रैल को विश्वविद्यालय का वार्षिक उत्सव होगा, जिसमें विद्यार्थी प्रतिभा की सतरंगी छटा बिखेरेंगे। कोविड-19 के लंबे समय के बाद आयोजन होने से सभी उत्साह से लबरेज हैं।


