बिलासपुर
कांग्रेस ने दी थी आंदोलन की चेतावनी
बिलासपुर, 21 दिसंबर। मोपका–सेंदरी बाईपास सड़क पर लगाए गए ट्रैफिक कैमरों को क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय ने बंद कर दिया है। यह कदम ग्रामीणों से भारी-भरकम ई-चालान की शिकायतों और के बाद उठाया गया। मामले में परिवहन आयुक्त से मार्गदर्शन लिया गया था, जिनके निर्देश पर कैमरे बंद किए गए।
आरटीओ कार्यालय के सामने मोपका–सेंदरी बायपास मार्ग पर लगे कैमरों से दोपहिया और चारपहिया वाहनों के ई-चालान काटे जा रहे थे। रजिस्टर्ड नंबर के आधार पर चालान की कॉपी डाक से भेजी जा रही थी, जिनकी राशि हजारों रुपये तक पहुंच रही थी। कामकाज से शहर आने-जाने वाले युवाओं और ग्रामीणों पर इससे अतिरिक्त आर्थिक दबाव पड़ रहा था।
पूर्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष विजय केशरवानी ने इस कैमरे को लेकर आंदोलन की चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा कि ग्रामीण अक्सर सुविधा के अनुसार शहर आते हैं। रास्ते में पहचान के लोगों को बाइक पर बैठा लेना मदद के तौर पर होता है, इसे अपराध मानकर ई-चालान भेजना अनुचित है। उन्होंने आरोप लगाया कि ई-चालान के नाम पर ग्रामीणों की जेब पर डाका डाला जा रहा था।
केशरवानी के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने आरटीओ से मुलाकात कर मांग की थी कि जब तक मोपका–सेंदरी बायपास का निर्माण पूरा नहीं होता, तब तक कैमरे बंद रहें। साथ ही जिन ग्रामीण बाइक सवारों को भारी पेनाल्टी वाले ई-चालान भेजे गए हैं, उन्हें माफ किया जाए।
प्रतिनिधिमंडल ने यह भी मुद्दा उठाया कि कुछ मामलों में घर में खड़ी गाड़ियों पर भी चालान भेजे गए, जिससे लोगों को मानसिक परेशानी और भुगतान के लिए भटकना पड़ा। इसे अंधाधुंध कार्रवाई बताते हुए पीड़ितों को राहत देने की मांग की गई। बेलतरा विधानसभा क्षेत्र की सड़कें, खासकर मोपका–सेंदरी बायपास, बेहद खराब स्थिति में हैं। ऐसे में दुर्घटना का डर बना रहता है और ऊपर से ई-चालान से ग्रामीण और परेशान हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस आमजन के साथ खड़ी है और जरूरत पड़ी तो सड़क की लड़ाई भी लड़ी जाएगी।
आरटीओ ने केशरवानी को पत्र लिखकर बताया कि 9 दिसंबर 2025 को परिवहन आयुक्त को अवगत कराया गया था। निर्देश मिलने के बाद मोपका–सेंदरी बायपास में लगे कैमरे बंद कर दिए गए हैं और प्राप्त शिकायतों पर कार्रवाई की जा रही है।


