बिलासपुर

तेज रफ्तार इनोवा का दरवाजा गुटखा थूकते समय खोला, कार पलटी – युवक की मौके पर मौत, दो घायल
03-Jun-2025 12:58 PM
 तेज रफ्तार इनोवा का दरवाजा गुटखा थूकते समय खोला, कार पलटी – युवक की मौके पर मौत, दो घायल

रफ्तार काबू में होती और सीट बेल्ट पहन ली होती तो जान बच सकती थी- एसपी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बिलासपुर, 3 जून। बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे 130 पर एक सड़क हादसे में चकरभाठा निवासी युवा व्यवसायी की मौके पर मौत हो गई, जबकि उसके दो दोस्त घायल हो गए। घटना तब हुई जब तेज रफ्तार इनोवा गाड़ी का दरवाजा चलती कार में गुटखा थूकने के लिए खोला गया, जिससे वाहन अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गया और पलट गया।

जानकारी के मुताबिक, चकरभाठा में कपड़े की दुकान चलाने वाले जैकी गेही (31) रविवार रात पार्टी के लिए शहर के पेट्रिशियन बार पहुंचे थे। रात करीब 1.30 बजे उन्होंने अपने दोस्त आकाश चंदानी (34) को कॉल कर वापस घर छोड़ने के लिए बुलाया। आकाश अपने दोस्त पंकज के साथ इनोवा गाड़ी से जैकी को लेने पहुंचा। रास्ते में, हाईवे पर गुरुनानक ढाबा के पास गाड़ी की रफ्तार करीब 100 किमी प्रतिघंटा थी। इसी दौरान ड्राइवर आकाश ने चलती गाड़ी में गुटखा थूकने के लिए दरवाजा खोल दिया।

दरवाजा खुलते ही गाड़ी अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकराई और तीन बार पलट गई। पलटने के दौरान जैकी पीछे की सीट से बाहर जा गिरा और सड़क किनारे खंभे से टकरा गया। उसकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं आकाश गंभीर रूप से घायल हो गया, जिसे पहले सिम्स और बाद में अपोलो अस्पताल रेफर किया गया। कार में सवार तीसरे युवक पंकज को मामूली चोटें आईं।

पंकज छाबड़ा ने बताया कि जैकी ने कॉल कर बुलाया था। हम तीनों लौट रहे थे। आकाश गाड़ी चला रहा था, मैं आगे बैठा था और जैकी पीछे। गुटखा थूकने के लिए जैसे ही आकाश ने दरवाजा खोला, गाड़ी डगमगा गई और टकराकर पलट गई। गाड़ी से गिरने के बाद ही एयरबैग खुला, मैं अंदर था इसलिए बच गया, लेकिन जैकी बाहर गिर गया। हादसे के बाद इनोवा पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई।

मालूम हो कि जनवरी 2022 से दिसंबर 2024 के बीच बिलासपुर जिले में तेज रफ्तार से हुए सड़क हादसों ने 77 लोगों की जान ले ली, जबकि 206 लोग घायल हुए हैं। वर्ष 2022 में 27 मौतें और 91 लोग घायल हुए, 2023 में यह आंकड़ा 15 मौतों और 43 घायलों का रहा, वहीं 2024 में 35 लोगों की जान गई और 72 लोग घायल हुए। कुल मिलाकर तीन साल में रफ्तार ने 77 जिंदगियों को लील लिया और दो सौ से ज्यादा लोग चोटिल हुए। इन हादसों में सबसे ज्यादा घटनाएं नेशनल हाईवे पर हुईं, जहां अब तक 115 दुर्घटनाएं, 36 मौतें और दर्जनों लोग घायल हो चुके हैं।

एसएसपी रजनेश सिंह ने इस दुर्घटना पर अफसोस जताते हुए कहा कि तेज रफ्तार वाहन चलाना केवल खुद के लिए नहीं, बल्कि दूसरों के लिए भी जानलेवा साबित हो सकता है। सभी को गाड़ी की गति सीमा का पालन करना चाहिए और सीट बेल्ट जरूर पहननी चाहिए। इस मामले में भी सीट बेल्ट पहनी होती तो जान बचने की संभावना थी। हम हादसे रोकने लगातार कार्रवाई कर रहे हैं, लेकिन लोगों की सतर्कता सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।


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