बिलासपुर

हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने उठाए सवाल, जनप्रतिनिधियों की उदासीनता पर जताई चिंता
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 6 अप्रैल। बिलासा बाई केवट एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग सुविधा की दिशा में जरूरी बुनियादी कार्यों में हो रही देरी पर हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति ने गंभीर चिंता जताई है। समिति ने आरोप लगाया है कि नाइट लैंडिंग के लिए आवश्यक डीवीओआर मशीन भले ही भारत पहुँच चुकी है, लेकिन बिलासपुर एयरपोर्ट में इसे स्थापित करने के लिए जिस भवन का निर्माण किया जाना था, उसका कार्य अब तक प्रारंभ नहीं हुआ है।
समिति ने जानकारी दी कि इस कार्य से जुड़ा इलेक्ट्रिक इंस्टॉलेशन का टेंडर भी अब तक अंतिम रूप नहीं ले पाया है, जिससे परियोजना की पूरी समय-सीमा पर संकट मंडराने लगा है। समिति ने याद दिलाया कि अक्टूबर 2024 में राज्य सरकार ने वादा किया था कि मार्च 2025 तक भवन और विद्युत कार्य पूर्ण कर लिए जाएंगे, ताकि मशीन की स्थापना तुरंत की जा सके।
समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि डीवीओआर मशीन की स्थापना और उसे रनवे सिस्टम से सिंक करने में लगभग 3 से 4 महीने का समय लगता है, और उसके बाद लाइसेंसिंग प्रक्रिया में भी समय लगेगा। यदि कार्य मार्च तक पूरा हो जाता, तो अगस्त-सितंबर तक बिलासपुर में नाइट लैंडिंग शुरू हो सकती थी, जिससे आगामी विंटर शेड्यूल में यह सुविधा उपलब्ध होती। लेकिन अब यह लक्ष्य अधर में लटक गया है।
समिति ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों की निष्क्रियता पर भी नाराजगी जाहिर की है। समिति का कहना है कि बिलासपुर जैसे शहर से वरिष्ठ और अनुभवी नेता राज्य और केंद्र सरकार दोनों में सक्रिय हैं, इसके बावजूद एयरपोर्ट विकास कार्यों की समयबद्ध निगरानी और पहल में किसी प्रकार की तत्परता दिखाई नहीं दे रही है।
समिति ने सभी जनप्रतिनिधियों से अपील की है कि वे एयरपोर्ट विकास कार्यों को लेकर ठोस दबाव बनाएं, जिससे यह महत्वपूर्ण परियोजना समय पर पूरी हो सके और क्षेत्र को आधुनिक हवाई सेवाओं का लाभ मिल सके।
इस बीच, हवाई सुविधा जन संघर्ष समिति का महा धरना शनिवार और रविवार को भी जारी रहा। समिति ने यह भी स्पष्ट किया कि जब तक एयरपोर्ट के कार्यों में ठोस प्रगति नहीं होती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।