बिलासपुर
अनेक सकारात्मक गतिविधियों से भी कैदियों को जोड़ा जा रहा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 31 दिसंबर। छत्तीसगढ़ की जेलों में बंदियों के बीच आपराधिक घटनाओं को रोकने और त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए जेल मुख्यालय के निर्देश पर बिलासपुर स्थित सेंट्रल जेल में भी कदम उठाए गए हैं। किसी भी अप्रिय घटना पर त्वरित प्रतिक्रिया के लिए क्यू.आर.टी. (क्विक रिएक्शन टीम) का गठन किया गया है। इन टीमों को नियमित मॉक ड्रिल और रिहर्सल के जरिए तैयार किया जा रहा है।
जेल में बंदियों की व्यवहार प्रोफाइलिंग तैयार कर उनकी आपराधिक पृष्ठभूमि और समूहों से संबंधों पर नजर रखी जा रही है। साथ ही, उनकी रचनात्मकता और सकारात्मक सोच बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। उन्हें शैक्षणिक एवं व्यावसायिक कौशल प्रशिक्षण तथा जीवन कौशल संबंधित कार्यक्रम से जोड़ा जा रहा है। उन्हें मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं, काउंसलिंग और थेरेपी के साथ-साथ मनोरंजन की गतिविधियों और खेल सुविधाओं में शामिल किया जा रहा है। जेल अधीक्षक खोमेश मंडावी के अनुसार इन प्रयासों से बंदियों के बीच तनाव में कमी आई है और टीम वर्क व सहयोग की भावना विकसित हुई है। बंदियों को उनके परिवारों के साथ स्वस्थ रिश्ते विकसित करने में मदद की जा रही है। इसके साथ ही, सामाजिक समर्थन प्रणालियाँ प्रदान कर रिहाई के बाद उनके पुनर्वास की संभावनाओं को मजबूत किया जा रहा है। जेल प्रशासन ने निगरानी तंत्र को मजबूत करने के लिए सीसीटीवी और अन्य तकनीकी उपायों को अपनाया है। जेल कर्मियों को नियमावली का पालन सुनिश्चित करने और ईमानदारी से कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। अधीक्षक मंडावी ने बताया कि जेल डीजी हिमांशु गुप्ता के निर्देश पर बिलासपुर सर्कल की सभी जेलों में क्यू.आर.टी. का गठन किया गया है। आसूचना तंत्र को मजबूत किया गया है ताकि किसी भी संभावित घटना की जानकारी समय पर मिल सके।


