बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 29 दिसंबर। हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी चिल्हाटी में प्राचार्य मनोज चंद्राकर की हत्या की गुत्थी पुलिस ने 48 घंटे के भीतर सुलझा ली। हत्या का कारण मृतक द्वारा आरोपी के साथ किया गया अप्राकृतिक कृत्य बताया गया है। हत्या के बाद आरोपी गिरफ्तारी से बचने के लिए महाराष्ट्र भागने की कोशिश कर रहा था, जिसे डोंगरगढ़ में घेराबंदी कर पकड़ लिया गया।
बीते 26 दिसंबर को पुलिस को सूचना मिली कि चिल्हाटी स्थित हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी के मकान नंबर 39 में एक व्यक्ति का शव संदिग्ध अवस्था में पड़ा है। मृतक की पहचान मनोज चंद्राकर, प्रभारी प्राचार्य, शासकीय हाई स्कूल डोंगरी, जिला जांजगीर-चांपा के रूप में हुई। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर एफएसएल टीम और स्निफर डॉग की मदद से जांच शुरू की।
मृतक 19 दिसंबर को अपने परिवार के साथ अपने मूल निवास बिरगहनी गया था और 22 दिसंबर को अकेले लौट आया। अंतिम बार उसे 24 दिसंबर को पड़ोसियों ने देखा था। जांच में यह तथ्य सामने आया कि 24 दिसंबर को वह एक अज्ञात व्यक्ति के साथ अपने घर लौटा था।
300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों के विश्लेषण और गोपनीय इनपुट से आरोपी की पहचान हरीश कुमार पैकरा (24), निवासी खम्हारडीह, जिला बलौदाबाजार के रूप में हुई। पुलिस ने आरोपी को उसके घर से फरार पाया और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर डोंगरगढ़ से गिरफ्तार कर लिया।
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि उसकी मृतक से मुलाकात 23 दिसंबर को रेलवे स्टेशन बिलासपुर पर हुई थी। 24 दिसंबर को मृतक ने उसे घर बुलाया और पार्टी की। नशे की हालत में मृतक ने आरोपी के साथ अप्राकृतिक कृत्य किया, जिससे गुस्से में आकर आरोपी ने किचन से तवा उठाकर मृतक के सिर पर वार कर उसकी हत्या कर दी।
मामले को सुलझाने और आरोपी को पकडऩे में पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के नेतृत्व में एसीसीयू, थाना सरकंडा और चौकी मोपका की टीम ने सराहनीय भूमिका निभाई।


