बिलासपुर

नवगठित नगर पंचायतों में सरकार की गठित समितियां काम करेंगी, हाईकोर्ट ने एकलपीठ का आदेश किया रद्द
21-Dec-2024 2:08 PM
नवगठित नगर पंचायतों में सरकार की गठित समितियां काम करेंगी, हाईकोर्ट ने एकलपीठ का आदेश किया रद्द

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 21 दिसंबर।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और न्यायमूर्ति ए.के. प्रसाद की खंडपीठ ने नवगठित नगर पंचायतों के संचालन से जुड़ी राज्य सरकार की अपील स्वीकार करते हुए एकलपीठ के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि किसी कार्यकारी आदेश को चुनौती देने पर न्यायिक समीक्षा के दौरान यह देखना आवश्यक है कि सरकार ने नियमों का उल्लंघन किया है या नहीं। अगर ऐसा होता है तो ही सरकार की कार्रवाई रद्द की जा सकती है।

राज्य सरकार ने 27 जून 2024 को छत्तीसगढ़ नगर पालिका अधिनियम, 1961 के तहत 8 नवगठित नगर पंचायतों के कार्य संचालन के लिए विभिन्न समितियां बनाई थीं। इस निर्णय को नितेश कुमार बंजारे, महेंद्र कुमार श्रीवास, डोमेश्वर यादव और जयमानिया बैगा समेत अन्य ने हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उनकी दलील थी कि अधिनियम की धारा 5(1) के तहत संबंधित ग्राम पंचायतें तब तक कार्य करती रहेंगी जब तक विधिवत निर्वाचित नगर पंचायत नहीं बन जाती।

एकलपीठ ने मरवाही नगर पंचायत के लिए कहा गया था कि चूंकि इसे लोहरी, मरवाही और कुम्हारी ग्राम पंचायतों के विलय से बनाया गया था, राज्य सरकार को अधिनियम के अनुसार इन पंचायतों के प्रतिनिधियों को लेकर नई समिति का गठन करना चाहिए।

इस आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने खंडपीठ में अपील दायर की। सरकार ने दलील दी कि अधिनियम की धारा 5(1) के दूसरे प्रावधान का प्रतिबंध केवल ‘संक्रमण क्षेत्र’ पर लागू होता है। संक्रमण क्षेत्र का अर्थ ग्रामीण से शहरी क्षेत्र में बदलते क्षेत्र से है, और यह क्षेत्र तभी प्रभावी होता है जब सरकार ग्राम पंचायत को नगर पंचायत में अपग्रेड करने की मंशा का नोटिफिकेशन जारी करती है।

खंडपीठ ने माना कि कोई भी कार्यकारी आदेश कानून या वैधानिक नियमों से ऊपर नहीं हो सकता। सुप्रीम कोर्ट के फैसले (ललित मोहन देव बनाम भारत संघ, 1973) का हवाला देते हुए खंडपीठ ने कहा कि कार्यकारी आदेश हमेशा नियमों के अनुरूप होने चाहिए।

खंडपीठ ने एकलपीठ के निर्णय को अस्वीकार करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी अधिसूचना वैध है। इस प्रकार, सभी याचिकाएं खारिज कर दी गईं और सरकार की अपील स्वीकार कर ली गई।


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