बिलासपुर
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बिलासपुर, 17 नवंबर। छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने कहा है कि परिवीक्षा अवधि के दौरान किसी भी अधिकारी या कर्मचारी का स्थानांतरण नहीं किया जा सकता। हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने यह फैसला जनपद पंचायत कोटा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (सीईओ) युवराज सिन्हा के स्थानांतरण आदेश पर रोक लगाते हुए सुनाया।
सिन्हा जनपद पंचायत कोटा में सीईओ के पद पर पदस्थ हैं। उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर अपने तबादले को चुनौती दी। उनकी नियुक्ति 6 अप्रैल 2022 को हुई थी, और 24 अक्टूबर 2024 को उन्हें जनपद पंचायत सरायपाली, जिला महासमुंद स्थानांतरित करने का आदेश जारी किया गया।
याचिका में बताया गया कि नियुक्ति आदेश की कंडिका 13 के अनुसार, परिवीक्षा अवधि के दौरान स्थानांतरण प्रतिबंधित है। बावजूद इसके राज्य शासन ने इस नियम का उल्लंघन करते हुए स्थानांतरण आदेश जारी किया।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने कोर्ट में दलील पेश करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता वर्तमान में परिवीक्षा अवधि में है और उनके स्थान पर कम वेतनमान वाले राजीव कुमार तिवारी को पदस्थ किया गया है। इसके अलावा याचिकाकर्ता के पिता गंभीर रूप से बीमार हैं और बिलासपुर के अपोलो अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है।
सुनवाई के बाद, हाई कोर्ट ने स्थानांतरण आदेश पर रोक लगा दी और सचिव, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को नोटिस जारी कर मामले में जवाब प्रस्तुत करने का निर्देश दिया।


