बीजापुर

कांदला वापस नहीं लौटना चाहते ग्रामीण, पहाड़ या सडक़ किनारे बसने की तैयारी
19-Jul-2022 9:14 PM
कांदला वापस नहीं लौटना चाहते ग्रामीण, पहाड़ या सडक़ किनारे बसने की तैयारी

प्रभावित गांव पहुंच पूर्व मंत्री ने बढ़ाये मदद के हाथ
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 19 जुलाई।
भारी बारिश की जद में आकर तबाह हुए तारलागुड़ा क्षेत्र के अटुकपल्ली पंचायत के आश्रित गांव कांदला के ग्रामीण गांव छोडक़र पहाड़ पर शरण लिए हुए हैं। अब ये ग्रामीण वापस गांव न जाकर पहाड़ पर या फिर सडक़ किनारे बसने की तैयारी कर रहे हैं।

जिले में औसत से ज्यादा हुई बारिश से सर्वाधिक तबाही का मंजर भोपालपटनम ब्लाक के तारलागुड़ा क्षेत्र में देखने को मिला। मंगलवार को बारिश थमते ही धूप निकल आई है। नदी-नालों का जलस्तर अब उतरने लगा है। महाराष्ट्र व तेलंगाना का रास्ता खुलते ही इस मार्ग पर आवागमन पूर्व की तरह शुरू हो गया है।

इंद्रावती नदी का जलस्तर भी तेजी से गिर रहा है। पहले से हालात में कुछ सुधार जरूर हुआ है, लेकिन अभी भी अंदरूनी क्षेत्र की वास्तविक स्थिति का पता नहीं चल पाया हैं।

मंगलवार को बाढ़ से प्रभावित होकर पहाड़ पर डेरा डाले कांदला गांव के 22 परिवारों के 90 ग्रामीणों से मिलने व उन्हें रसद सहित जरूरत के सामान मुहैया कराने पहुंचे पूर्व मंत्री व क्षेत्र के पूर्व विधायक महेश गागड़ा के सामने ग्रामीणों ने कहा कि वे अब अपने गांव कांदला वापस नहीं लौटना चाहते। उनका वहां सब कुछ तबाह हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि वे अब इसी पहाड़ी पर रहेंगे या फिर मुख्यमार्ग के किनारे बसेंगे। कुछ ग्रामीण तो मुख्यमार्ग के किनारे बसने पहुंच भी गये हैं, लेकिन उन्हें वन विभाग के अमले ने यह कहते हुए रोक दिया है कि ये क्षेत्र वन विभाग के अधीन है। पहाड़ पर टेंट लगाकर पिछले करीब दस दिनों से रह रहे ग्रामीणों को प्रशासन कच्चा राशन मुहैया करा रहा है।

इससे पहले विधायक विक्रम मंडावी ने भी प्रभावितों तक पहुंचकर उन्हें मदद मुहैया करवाई थी। वहीं दूसरी ओर मंगलवार को बारिश थमी रही। मौसम खुला रहा। बीजापुर जिले अन्य हिस्सों में भी हालात सामान्य होने लगे हैं। फिलहाल बाढ़ की स्थिति कही नहीं है।

 इस संबंध में एसडीएम हेमेंद्र भुआर्य ने बताया कि अभी प्रभावित ग्रामीण जहां रह रहे हैं, वह रिजर्व फारेस्ट की जमीन है। विस्थापित ग्रामीणों के लिए राजस्व भूमि का सर्वे किया जा रहा है। जल्द ही ग्रामीणों की व्यवस्था कर दी जाएगी। फिलहाल प्रशासन ग्रामीणों तक राशन-पानी पहुंचा रहा है।


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