बीजापुर

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 7 मार्च। आश्वासन के बावजूद शासकीयकरण नहीं किये जाने से आहत पंचायत सचिव संघ ने शासकीयकरण किये जाने सहित सात सूत्रीय मांग को लेकर सीएस के नाम जिला पंचायत सीईओ को ज्ञापन सौपा हैं।
अपनी मांगों को लेकर एक दिवसीय धरना प्रदर्शन कर रहे पंचायत सचिव संघ का कहना है कि प्रदेश भर में 10568 पंचायत सचिव ग्रामीण अंचल में निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उनका कहना है कि पंचायत सचिव 29 विभागों के 200 प्रकार के कामों को जमीनी स्तर तक जिम्मेदारी व ईमानदारी से करते हुए राज्य शासन व केंद्र सरकार की योजनाओं को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने का महत्त्वपूर्ण काम करते है।
कोरोना महामारी में ग्रामीणों की सुरक्षा व कोरोना से सम्बंधित सभी तरह के काम जैसे टेस्ट, टीकाकरण आदि अहम कामों को सफलता पूर्वक करते है। वही राज्य सरकार की महत्त्वकांक्षि योजना नरवा गरवा धुरवा बाड़ी योजना के तहत ग्राम गौठान व मनरेगा के कार्यो का जिम्मेदारी पूर्वक निर्वहन कर रहे है। शासन प्रशासन के निर्देश व पंचायत सचिवों की मेहनत व लगन से छग शासन को राष्ट्रीय पंचायत दिवस पर 12 राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया। वही पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने प्रदेश के 65 विधायकगणों द्वारा अनुशंसा किया गया है। पंचायत सचिवों को काम करते 25 वर्षों से अधिक हो गया है। जबकि पंचायत सचिवों के साथ नियुक्त हुए अन्य विभाग के कर्मचारी जैसे शिक्षाकर्मी को शासकीयकरण कर दिया गया है। उनका कहना है कि पंचायत सचिवों को शासकीयकरण करने से वित्तीय भार 75 करोड़ आयेगा। जो कि नहीं के बराबर है। संघ ने मांग की है कि उक्त परिस्थितियों को देखते हुए सहानुभूति पूर्व अविलंब शासकीयकरण करने मांग की हैं।