बीजापुर

डॉक्टरेट की उपाधि मिलने के बाद किये अनुभव साझा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बीजापुर, 5 मार्च। बीते दिनों जिले की लेखिका व शिक्षिका ओमेश्वरी नूतन देवांगन को ग्लोबल स्कालर फाउंडेशन की ओर से राष्ट्रीय पुरस्कार दिया गया है। साथ ही कामवेल्थ वोकेशनल यूनिवर्सिटी कांगो द्वारा ओमेश्वरी देवांगन को पीएचडी की उपाधि देते हुए डॉक्टरेट की उपाधि से नवाजा है।
ओमेश्वरी नूतन देवांगन ने बीजापुर स्थित पत्रकार भवन में पत्रकारों से अपने अनुभव साझा किये। ओमेश्वरी देवांगन जिले के नैमेड हायर सेकेंडरी स्कूल में पिछले कई वर्षों से हिंदी व्याख्याता के पद पर कार्यरत हैं। उन्हें ग्लोबल स्कॉलर फाउंडेशन के द्वारा पुणे में भारतीय साहित्य रत्न सम्मान प्रदान किया गया था। इसी अवार्ड समारोह में आये कामवेल्थ वोकेशनल यूनिवर्सिटी कांगो द्वारा ओमेश्वरी देवांगन को उनके साहित्यिक कृतियों के बारे में सम्पूर्ण जानकारी चाही गई थी, साथ ही सभी उपन्यासों की प्रति की मांग करते हुए उन्हें कांगो यूनिवर्सिटी द्वारा पीएचडी की उपाधि प्रदान करने के बारे में विचार करने का आश्वासन दिया गया था।
ओमेश्वरी ने बताया कि कई दौर के वर्चुवल विचार विमर्श व साक्षात्कार के बाद जब यूनिवर्सिटी इस बात पर संतुष्ट हो गया कि विभिन्न ज्वलंत मुद्दों को लेकर लिखी गई सभी उपन्यास विशेषकर बसेरा, मेरे सपने मेरे गांव, एक कहानी यह भी और कलम से हत्या स्वरचित हैं, समाज के लिए आवश्यक विषय वस्तु, जमीनी धरातल पर लिखी गई कहानी है। जिसके बाद ओमेश्वरी को डॉक्टरेट की उपाधि के लिए चयन किया।
डॉ. ओमेश्वरी की माने तो हर महिला एक बेहतर रचनाकार होती है। जीवन के सामाजिक और पारिवारिक पक्षों की बेहतर तालमेल वाली संरचना के शब्दों को पिरोकर जब वाक्य का निर्माण होता है वही से नई रचना तैयार होती है। समाज के विभिन्न पक्षों को हमारी महिलाएं रोज जीती हैं।
‘बसेरा’ उपन्यास की कथानक उन गांव की कहानी है, जिसे विकास की दुहाई देकर उजाड़ तो दिया जाता है पर बाद में वहां के किसानों की स्थिति बद से बदतर हो जाती है। इसी तरह ‘मेरे सपने मेरा गांव’ उपन्यास में किसान की समृद्धि एवम् रोजगार के अवसर को बात कही गई है तो ‘कलम से हत्या’ नामक उपन्यास में शीर्षक के अनुरूप पत्रकारिता के अनछुए पहलुओं को उजागर किया गया है।
इसके अलावा ‘एक कहानी यह भी’ में नारी के जीवन की मार्मिकता का चित्रण किया गया है।