बेमेतरा
बाउंड्रीविहीन स्कूलों में सुरक्षा पर उठे सवाल
छत्तीसगढ़ संवाददाता
बेमेतरा, 26 नवंबर। जिले के सरकारी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों को अब विद्यालय परिसर में आने वाले आवारा श्वानों (कुत्तों) की गणना, पहचान और रजिस्टर संधारण का निर्देश दिया गया है। यह निर्देश लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जारी किया गया है।
जिले के कई स्कूलों में चहारदीवारी (बाउंड्रीवॉल) और गेट नहीं होने के कारण परिसर में आवारा जानवरों और बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश की स्थिति पहले से बनी हुई है। ऐसे स्कूलों में नए निर्देशों का पालन करने में शिक्षकों को अतिरिक्त व्यावहारिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद जारी हुआ आदेश
सूत्रों के अनुसार, लोक शिक्षण संचालनालय ने पाँच पृष्ठों का आदेश जारी किया है, जिसमें तीन प्रमुख बिंदुओं पर कार्यवाही करने को कहा गया है। इसमें विद्यालयों को पंचायत या नगरीय निकाय की सहायता से जानवरों के प्रवेश पर रोक लगाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश भी शामिल है।
अधिकारियों के अनुसार, कई स्कूलों में चहारदीवारी न होने या अधूरी होने की स्थिति में इस निर्देश को लागू करना कठिन हो रहा है। स्थानीय जानकारों का कहना है कि आत्मानंद स्कूलों को छोडक़र अन्य स्कूलों में बाउंड्रीवॉल निर्माण हेतु किसी विशेष योजना के तहत राशि जारी नहीं हुई है।
आदेश में शामिल प्रमुख बिंदु
स्कूल परिसर में आने वाले श्वानों की गणना। उनकी प्रजाति, लिंग और रंग की पहचान।
विशेष पहचान के आधार पर रजिस्टर अपडेट करना। पंचायत/नगरीय निकाय की सहायता से श्वानों को पकडऩे की व्यवस्था करना। किसी बच्चे को कुत्ते के काटने पर तत्काल अस्पताल ले जाने का निर्देश।
जिले में 311 स्कूल बाउंड्रीवॉल विहीन
विभागीय जानकारी के अनुसार, जिले में 1299 सरकारी स्कूल संचालित हैं। इनमें से 988 स्कूलों में बाउंड्रीवॉल है, जबकि 311 स्कूल अभी भी बिना अहाते के खुले परिसर में संचालित किए जा रहे हैं।
इनमें प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक, हाईस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल शामिल हैं। अहाता विहीन स्कूलों का विवरण प्राथमिक शालाएं- 169, पूर्व माध्यमिक स्कूल - 67, हाईस्कूल - 44, हायर सेकंडरी स्कूल - 31 स्कूल जतन योजना: मरम्मत और कक्ष निर्माण हुए, पर बाउंड्रीवॉल नहीं बनी जिले में दो वर्ष पूर्व 1299 स्कूलों में से 1000 स्कूलों हेतु स्कूल जतन योजना के तहत 1 अरब 3 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया था। इस राशि से 699 स्कूलों में मरम्मत और 301 स्कूलों में अतिरिक्त कक्ष निर्माण का कार्य किया जा रहा है। शिक्षा विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस योजना के तहत किसी भी स्कूल में बाउंड्रीवॉल निर्माण शामिल नहीं किया गया। स्थानीय जानकार श्रवण साहू ने कहा कि बाउंड्रीवॉल विहीन स्कूलों में आवारा जानवरों, साथ ही नशाखोरी या शरारती तत्वों की आवाजाही जैसी समस्याएँ पहले भी सामने आती रही हैं। उनका कहना है कि यदि घेराबंदी की व्यवस्था पहले की जाती तो वर्तमान स्थिति से कुछ हद तक बचा जा सकता था। जिला शिक्षा अधिकारी जी.आर. चतुर्वेदी ने बताया कि स्कूल प्रमुखों को आदेश जारी किया गया है और विद्यार्थियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए आवश्यक व्यवस्था करने को कहा गया है। उन्होंने पुष्टि की कि श्वान संबंधी निर्देशों का पालन सभी संस्थाओं को करना है। नगर पालिका के मुख्य नगरपालिका अधिकारी नरेश वर्मा ने कहा कि खुले में घूम रहे श्वानों को पकडऩे के लिए दल गठित करने की तैयारी जारी है और पशु चिकित्सा विभाग से समन्वय किया जा रहा है।


