बेमेतरा

अहंकार के प्रतीक रावण, कुंभकरण व मेघनाद का पुतला दहन
03-Oct-2025 3:49 PM
अहंकार के प्रतीक रावण, कुंभकरण व मेघनाद का पुतला दहन

कलाकारों ने रामलीला का किया मंचन, वानर सेना व राक्षसी सेना का हुआ युद्ध

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 3 अक्टूबर कृषि उपज मंडी मैदान में गुरुवार को जिले का सबसे बड़ा दशहरा उत्सव मनाया गया। हजारों लोगों की मौजूदगी में गुरुवार की शाम भगवान राम ने बाणों से अहंकारी रावण के 30 फीट रावण व 22-22 फिट के कुंभकरण व मेघनाथ के पुतले का दहन किया गया।

रावण दहन के साथ ही अतिशबाजी की गई, जिसके बाद विजयी राम, लखन, जानकी व वानर सेना का लोगों ने जयकारा लगाकर अभिनंदन किया। वध करने के बाद भगवान राम के साथ वानर सेना जैसे ही मंच पर पहुंची भगवान राम का राजतिलक कर आरती उतारी गई। इस दौरान मंच पर बैठे जनप्रतिनिधियों व नागरिकों ने आशीर्वाद लिया। पुतला दहन के साथ बुराई पर अच्छाई की जीत का उत्सव मनाया गया। इस अवसर पर विधायक दीपेश साहू व नगर पालिका अध्यक्ष विजय सिन्हा सहित 50 हजारों लोग मौजूद रहे।

नगर के सबसे बड़े मैदान कृषि उपज मंडी में गुरुवार को उत्साह के साथ दशहरा उत्सव मानाया गया। कार्यक्रम स्थल पर व्यवस्था बनाने में पुलिस टीम सक्रिय रही। दशहरा उत्सव मेले के स्वरूप में हुआ, जहां पर सबसे पहले सब्जी, खिलौना फिर फल, नाश्ता, झूला, होटल सहित कई तरह की दुकानें लगाई गईं। बच्चों के लिए झूला, रहचुली, गोल झूला भी लगाया गया।

मेले का माहौल रहा, हजारों लोगों की जुटी भीड़

 मंडी में मेले की तरह माहौल रहा। तरह-तरह की दुकानें खोली गई थीं। सबसे अधिक बिक्री मिठाई व फलों की हुई। मेलास्थल के अलावा पुराना बस स्टैंड, गस्ती चौक, मंडी परिसर, रायपुर रोड नया बस स्टैंड, प्रताप चौक के आसपास दर्जन भर मिठाई दुकानें लगाई गई थी। उत्सव में ग्राम बैजी लोलेसरा, गांगपुर, मोहतरा, नवगांव, कोबिया, गुनरबोड, मटका, बसनी, कंतेली, हथमुड़ी समेत कई गांव के हजारों लोग शामिल हुए, जिसके बाद लोग रामजानकी मंदिर पहुंचे। ग्राम पदमी, नरी बहेरा, जीया, कारेसरा, खंडसरा में रावण दहन किया गया। केवाछी लावातरा समेत कई गावों में शुक्रवार को दशहरा उत्सव मनाया जाएगा। ग्राम धिवरी में बुधवार को रावण दहन किया गया था।

 

दो गेट खोले गए थे, एक रायपुर रोड तो दूसरा दुर्ग रोड की ओर

दशहरा उत्सव में हजारों की भीड़ आने की संभावनाओं को देखते हुए मंडी मैदान में आने व मंडी से बाहर जाने वालों के के लिए दोनों गेट खोले गए। एक गेट रायपुर रोड से आने-जाने व दूसरा गेट दुर्ग रोड से आने-जाने वालों के लिए खोला गया था, जहां से लोगों का आना-जाना होता रहा। वाहनों को पुराना बस स्टैंड व गस्ती चंौक के पास रोक दिया गया, जहां पर लोगों को कार्यक्रम स्थल तक पैदल ही पहुंचना पड़ा।

एक मंच में राम लीला, दूसरा अतिथियों के लिए

आयोजन के दौरान रामलीला का मंचन किया गया, जहां मर्झापुर की रामलीला मंडली के कलाकार मंचन कर रहे थे। रामजी की वानर सेना व रावण की राक्षसी सेना दोनों के बीच संवाद हुआ, जिसके बाद युद्ध में मेघनाथ, कुंभकरण व रावण का वध करने के बाद राजतिलक किया गया। पूर्व की अपेक्षा इस बार अतिथियों के मंच का स्थल परिवर्तन करते हुए गोदाम की तरह बनाया गया।

भारी भरकम तीन पुतले लगाने के लिए जुटे

मंडी परिसर में रावण दहन की तैयारी सुबह से ही प्रांरभ थी। मौके पर पाइप के सहारे रावण, मेघनाथ व कुंभकरण के पुतलों को खड़ा करना था। बांस, बोरे, लकड़ी व भूसा डाल कर बनाए गए 30 फिट ऊंचाई वाले भारी पुतले को दस दिन की कड़ी मेहनत के साथ मंडी मैदान के टीन शेड के नीचे कलाकारों के द्वारा बनाया गया था, जिसे खड़ा करने के लिए सुबह से तैयारी की गई और क्रेन व अन्य माध्यमों का सहारा लेकर दोपहर 2 बजे तक तीनों पुतलों को खड़ा किया गया। इससे पूर्व आतिशबाजी व पुतला दहन के दौरान लोगों को दूर रखने के लिए पुतलों को चारों तरफ बेरिकेड्स का घेरा लगाया गया। दो सुरक्षा घेरा होने की वजह से लोग पुतला दहन के समय निर्धारित दूरी पर रहे।

7 दिन से हो रहा है रामलीला का मंचन

रामजानकी मंदिर परिसर के मंच में बीते 5 अक्टूबर से काशी क्षेत्र के विंध्यांचल मिर्जापुर की रामलीला मंडली के कलाकर रामलीला का मंचन करते आ रहे हैं। बीते 7 दिन तक जारी रामलीला को देखने के लिए लोग जुटते रहे। है। गुरुवार को कृषि उपज मंडी मैदान में होने वाले दशहरा उत्सव में शामिल होने के लिए दोनों दल राममंदिर प्रांगण में तैयार होने के लिए शाम 5 बजे रथ से उल्लास के साथ रवाना हुए, जो मुय मार्ग होते हुए मंडी मैदान पहुंचे। फिर 6 से लेकर 7 बजे तकं संवाद व युद्ध हुआ। रामलीला का मंचन जारी रहेगा। राम लीला मंचन में विकास तिवारी ने राम, हरिओम दुबे ने सीता, ओमदुबे ने लक्ष्मण, रामनारायण तिवारी ने रावण, अशोक तिवारी ने मेघनाथ, संतोष तिवारी ने हनुमान, राकेश तिवारी ने कुंभकरण की भूमिका निभाई।


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