बेमेतरा

15 दिनों तक पूर्वजों को याद करने करेंगे तर्पण
07-Sep-2025 9:48 PM
15 दिनों तक पूर्वजों को याद करने करेंगे तर्पण

बेमेतरा, 7 सितंबर। इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितम्बर से हो रही है और इसका समापन 21 सितम्बर को रहेगा। हिंदी पंचांग के अनुसार यह समय पूर्वजों को स्मरण करने और उनकी आत्मा की शांति के लिए समर्पित माना जाता है।  इस दौरान श्रद्धा और पिंडदान के जरिए हम अपने पितरों को तर्पण करते हैं और उनकी आत्मिक तृप्ति की कामना करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार इन 15 दिनों में पूर्वज धरती पर आते हैं और अपने वंशजों का कुशलक्षेम देखते हैं। पितृ पक्ष की शुरुआत रविवार से होगी पर चंद्र ग्रहण के पूर्व सूतक लगने से पहले तर्पण व अन्य विधि व पितरों के आह्वान किया जायेगा। पितृ पक्ष के प्रारंभ होते ही घरों के मुख्य द्वार पर स्वागत के लिए आटे से रंगोली बनाकर फूल डालकर पितरों का स्वागत किया जाता है। पितृ पक्ष पितरों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करता है। यह एक ऐसा पर्व है जब घर परिवार के लोग जुटकर अपने पूर्वजों को याद करते हैं। इस दौरान मेल मिलाप के साथ पूर्वजों को याद किया जाता है। मान्यतानुसार जल से तर्पण करने से पूर्वज अपने घरों में आते हैं और घर परिवार को आशीर्वाद देते हैं। इसी कामना से तर्पण की विधि की होती कोई नदी की तट ,तालाब सरोवर में कुशा धारण कर तर्पण किया जायेगा वहीं आज के समय में घरों में भी स्नान के बाद तर्पण की विधि की जाने लगी है।
तिथि पर होगा श्राद्ध
पंडित रूपेन्द्र प्रसाद पुरोहित ने बताया कि पितृ पक्ष में पूर्वजों व पितरों का श्राद्ध उनकी मृत्यु की तिथि के आधार पर होता है। मान्यता है कि जिस तिथि में पूर्वज परलोक गमन करते हैं, उसी तिथि में उनका श्राद्ध कर आत्मा की शांति व मोक्ष के लिए प्रार्थना की जाती है। इसलिए हर घर में पूर्वजों के परलोक गमन की तिथि के आधार पर होम देते हुए उड़द दाल का बड़ा, पुड़ी सहित अन्य व्यंजन अर्पित किया जाएगा।


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