बेमेतरा
हाटरांका में शिक्षा व्यवस्था बदहाल, पढऩे-पढ़ाने में हो रही समस्या
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 29 अगस्त। ग्राम पंचायत हांटरांका के अंतर्गत आने वाले ग्राम सोनचिरैया स्थित शासकीय प्राथमिक शाला का भवन जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है। वर्ष 1989 में निर्मित यह भवन अब 36 वर्ष पुराना हो चुका है और इसकी छत, दीवारें व फर्श पूरी तरह जर्जर हालत में हैं।
विद्यालय भवन की जर्जरता के कारण बच्चों की सुरक्षा पर हर समय खतरा बना रहता है। इसी वजह से मूल शाला भवन का उपयोग नहीं किया जा रहा है। वर्तमान में पहली से पांचवीं तक की कक्षाएं अतिरिक्त भवन के एक ही रूम में संचालित हो रही हैं।
मूल भवन साल 2022 में गिराया
ग्रामीणों ने बताया कि शासकीय प्राथमिक शाला सोनचिरैया का मूल भवन 2022 से डिस्मेंटल में चला गया है, लेकिन अभी तक नये भवन की स्वीकृति नहीं हुई है, जिसके कारण पांचों कक्षाओं के छात्र-छात्राओं को एक ही रूम में पढ़ाई करना पड़ रहा है, जिससे पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
दीवारों में दरारें व आंगन में पानी का जमाव
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता जब गुरुवार को विद्यालय पहुंचे तो देखा कि विद्यालय आहाते की दीवारों में भी दरारें आ चुकी हैं। वहीं प्रांगण में पानी का जमाव हो गया है, जिससे बच्चे स्वतंत्र रूप से खेलकूद नहीं कर पाते व फिसलकर गिरने का डर हर समय बना रहता है। विद्यालय में कक्षा पहली से पांचवी तक 40 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं। ग्रामीणों और अभिभावकों का कहना है कि बच्चों की पढ़ाई लगातार प्रभावित हो रही है और हादसे का डर हमेशा बना रहता है।
नया भवन स्वीकृत कर निर्माण किया जाए -ग्रामीण
ग्रामीण अभयराम साहू, संजय साहू, पालक समिति अध्यक्ष मुकेश साहू ,पंच गुमान साहू, पंच संतोष साहू, गोपाल साहू , नेतराम साहू, भागवत साहू, दीनु साहू, पूनाराम साहू ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि विद्यार्थियों की शिक्षा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ग्राम सोनचिरैया के शासकीय प्राथमिक विद्यालय के लिए नया भवन शीघ्र स्वीकृत कर निर्माण कराया जाए।
उपसरपंच प्रतिनिधि संजय साहू ने कहा कि अतिरिक्त भवन के छोटे से रूम में पांच कक्षाएं लगाना पड़ रहा है। इससे छात्र छात्राओं के पढ़ाई पर असर पडऩा स्वाभाविक है, ऐसे में नये स्कूल भवन निर्माण अत्यंत जरूरी हो गया है।
ग्रामीण नेतराम साहू ने कहा कि कई बार ग्रामीणों द्वारा नये भवन के लिए आवेदन दिया गया है, लेकिन इस पर कहीं पर भी शासन-प्रशासन की ओर से पहल होती नजर नहीं आ रही है, ऐसे में ग्रामीण अपने स्तर पर आंदोलन करेंगे।


