बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 5 अगस्त। जिला अस्पताल में सोमवार को सुबह की पाली में उपचार कराने के लिए आए 600 से अधिक मरीजों को डॉक्टरों के नहीं होने से परेशान होना पड़ा। जिले के दूरस्थ इलाके से आने वाले मरीजों को बगैर उपचार कराए वापस जाना पड़ा। प्रथम पाली में दोपहर 1 बजे तक उपचार से वंचित कई मरीज शाम के 5 बजे की पाली तक रूककर उपचार कराने के लिए बेबस रहे। हालत को देखते हुए मरीजों का उपचार सिविल सर्जन ने खुद किया। सोमवार को बगैर सूचना के नदारद रहने वाले डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की गई।
जिले के सबसे बड़े सार्वजनिक शासकीय चिकित्सालय में सोमवार को आधा दर्जन डॉक्टर बगैर किसी पूर्व सूचना के ड्यूटी से नदारद रहे। जिला अस्पताल में गत शनिवार व रविवार को ओपीडी बंद रहने की वजह से सोमवार को बच्चों के उपचार, सामान्य उपचार, महिला ओपीडी, मेडिसिन व अन्य उपचार के लिए 421 नए मरीजों ने पंजीयन कराने के बाद पर्ची कटवाई। वहीं 178 मरीज फॉलोअप के लिए पहुंचे। इनके समेत कुल 599 मरीज जिला अस्पताल के पुरानेे ओपीडी में उपचार के लिए पहुंचे, जिन्हें डॉक्टरों की गैर मौजूदगी भारी पड़ी। 240 मरीज उपचार कराने के लिए एमसीएच यूनिट की ओपीडी में पहुंचे थे। दोनों यूनिट में सोमवार को डॉक्टरों के कम होने की वजह से सेवा प्रभावित रही। सैकड़ों की संख्या में मरीज बगैर उपचार का वापस लौटे, जिसमें बच्चे, महिलाएं व बुजुर्ग भी शामिल थे।
50 किमी दूर से आए थे मरीज, वो भी गए वापस
थानखम्हरिया तहसील के ग्राम गैदपुर के केशव साहू ने बताया कि अपनी बेटी के उपचार के लिए करीब 40 किलोमीटर दूर से आए थे। सुबह 10 बजे पहुंच गए थे पर प्रथम पाली में उपचार ही नहीं हुआ। शाम 5 बजे तक रूकने के लिए कहा पर वो बगैर इलाज कराए वापस चले गए। मजगांव से आए मरीज कल्लू ने बताया कि वह 11 बजे से आया है पर उपचार नहीं हुआ। सत्येन्द्र कुमार ने बताया कि कुत्ता काटने का उपचार कराने के लिए वह सरदा से आया है पर 12 बजे उसकी पर्ची नहीं बनी। इसलिए 5 बजे तक रूकेगा। 65 साल की फुलबाई ने बताया कि वह 50 किलोमीटर दूर ग्राम पौसरी से आई है। डॉक्टर के नहीं होने और अधिक भीड़ होने की वजह से उसे 5 बजे तक रूकना पड़ेगा। ग्राम छितापार की गुलापा बाई ने कहा कि उसका टाइफाइड का उपचार हो रहा है। डॉक्टर से मिलकर दवा लेने आई थी पर डॉक्टर ही नहीं मिले। गंगोत्री बाई ने डॉक्टर नहीं मिलने की वजह से बगैर उपचार के वापस लौटने की जानकारी दी।
मौसमी बीमारी की वजह से मरीजों की संख्या 1200 के करीब
बारिश का मौसम होने की वजह से जिला अस्पताल में इन दिनों आने वाले मरीजों की संख्या प्रतिदिन 1200 के करीब पहुंच रही है। 1200 मरीजों में सर्वाधिक मरीज सर्दी, खांसी, बुखार व सामान्य बीमारी वाले हैं, जिनका उपचार ओपीडी में होता है। जिले में डॉक्टरों की कमी की वजह से लोगों की निर्भरता सबसे अधिक जिला अस्तपाल पर है, जहां दूरदराज क्षेत्र से भी मरीज उपचार कराने के लिए पहुंचते हैं।
शनिवार, रविवार ओपीडी बंद, इसलिए ज्यादा मरीज पहुंचे
जिला अस्पताल में सोमवार को दोनों यूनिट मिलाकर करीब 880 से अधिक मरीज ओपीडी में उपचार कराने के लिए पहुंचे।
बीते शनिवार व रविवार को ओपीडी नहीं लगने की वजह से आम दिनों की अपेक्षा सोमवार को अधिक भीड़ रही। वहीं कुल 15 डॉक्टरों में से 11 डॉक्टर ओपीडी सेवा में रहते हैं, जिसमें डॉ. प्रतीक दुबे, डॉ. नेहा साहू, डॉ. राजेन्द्र, डॉ. पुरनदास, डॉ. चंद्रप्रकाश व डॉ. भूपेन्द्र मस्तुरिहा बगैर पूर्व सूचना के सेवा में उपस्थित नहीं रहे। आधे से अधिक डॉक्टरों के नहीं रहने वजह से पूरी व्यवस्था प्रभावित हुई। बताया गया कि सोमवार को नहीं आने वाले डॉक्टरों की रविवार को परीक्षा हुई थी, जिसकी वजह से वह सोमवार को अस्पताल नहीं आए।
जारी किया गया है नोटिस - सीएस
जिला अस्पताल में सोमवार को व्याप्त स्थिति को लेकर सवाल पूछने पर सीएस डॉ. लोकेश साहू ने बताया कि सोमवार को 6 डॉक्टर बगैर किसी पूर्व सूचना के नहीं आए थे।
डॉक्टरों के नहीं आने से सेवा प्रभावित हुई। सभी 6 डॉक्टरों को नोटिस जारी किया गया है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई होगी।


