बेमेतरा

50 फीसदी से कम विद्यार्थी वाले 32 स्कूलों के प्राचार्यों से खराब परिणाम आने का पूछा कारण
14-Jul-2025 4:33 PM
50 फीसदी से कम विद्यार्थी वाले 32 स्कूलों के  प्राचार्यों से खराब परिणाम आने का पूछा कारण

बोर्ड परीक्षा के रिजल्ट की समीक्षा, 15 जुलाई तक डीईओ ने मांगा जवाब

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 14 जुलाई। नए सत्र के प्रारंभ में बीते सत्र में हुई बोर्ड परीक्षा के परिणाम की समीक्षा के बाद अब शिक्षा विभाग ने कमजोर परिणाम वाले स्कूल के शिक्षा प्रमुखों को नोटिस थमाया है। जिले में पहली बार हाईस्कूल बोर्ड परीक्षा का 20 स्कूलों का परीक्षाफल 50 फीसदी से कम आया है, जिसमें सबसे कमजोर स्थिति हेमाबंद स्कूल की रही है। इस स्कूल में केवल 22 फीसदी छात्र सफल हुए थे। वहीं हायर सेकंडरी परीक्षा में जिले के 7 स्कूलों का कला संकाय में 50 प्रतिशत से कम रिजल्ट रहा। हायर सेकंडरी स्कूल गाडामोर के 21 में से 4 स्टूडेंट ही परीक्षा में सफल हुए थे। इस स्कूल का रिजल्ट 19 फीसदी रहा।

हाईस्कूल व हायर सेकंडरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा 2024-25 का परीक्षा परिणाम 50 प्रतिशत से कम आने वाले सभी संबंधित स्कूलों के प्राचार्य के खिलाफ कड़ा रूख अपनाने की तैयारी है। जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से हाईस्कूल स्तर के 20 स्कूल व हायर सेकंडरी स्तर के 12 स्कूल के संस्था प्रमुखों को नोटिस जारी करते हुए 72 घंटे में जवाब मांगा गया है। 15 जुलाई तक स्वयं उपस्थित होकर स्पष्टीकरण का जवाब देने के लिए डीईओ ने निर्देशित किया है।

अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए तैयार रहना होगा

स्पष्टीकरण नहीं देने वाले या स्पष्टीकरण का जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने की स्थिति में संबंधित प्राचार्य को दोषी मानते हुए उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी, जिसके लिए वे स्वयं जिम्मेदार होंगे। जिला शिक्षा अधिकारी डॉ. कमल कपूर बंजारे ने बताया कि जिले के हाई व हायर सेकंडरी स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा फल की समीक्षा बैठक में 32 विद्यालयों के परीक्षा परिणाम संतोषजनक नहीं पाए गए और 50 फीसदी से कम रहा। संबंधित प्राचार्य का प्रदर्शन बहुत कमजोर रहा है, जिन्हें नोटिस जारी करते हुए 15 जुलाई तक जवाब प्रस्तुत करने कहा गया है।

सबसे कमजोर रहा गाड़ामोर, परिणाम महज 19 फीसदी

 सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों में सबसे नीचे शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय गाड़ामोर 19 प्रतिशत रिजल्ट रहा है। इसके बाद शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खाती और सलधा है, जहां का परीक्षाफल महज 25 प्रतिशत आया है। हाईस्कूल सर्टिफिकेट की परीक्षा में कमजोर प्रदर्शन करने वाले स्कूलों में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय खाती, झाल, कन्या दाढ़ी, भटगांव पांहदा, सेजेस बेरला, दर्री, बालक बेमेतरा, चक्रवाय, नगधा, संबलपुर, सेजेस दाढ़ी, भरदा कला, घोटवानी, कन्या थान खमरिया, बालक नवागढ़, सेजेस थान खमरिया, ठेंगाभाट, बिलई और हेमाबंद शामिल हैं।

 

दसवीं में कमजोर परीक्षा परिणाम वाले 20 स्कूल शामिल

दसवीं में बेरला के स्कूल ज्यादा कमजोर, फिर बेमेतरा ब्लॉक के रहे। जिले में कक्षा दसवी की बोर्ड परीक्षा में कमजोर परीक्षा परिणाम प्रस्तुत करने वाले में 20 स्कूल शामिल हैं, जिसमें बेरला विकासखंड के 2, साजा 7, नवागढ़ 5 और बेमेतरा विकासखंड के 6 स्कूल शामिल हैं। कक्षा दसवी के परीक्षा परिणाम में सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाले विद्यालयों में शासकीय हाईस्कूल हेमाबंद 22 प्रतिशत और शासकीय हाईस्कूल बिलई 24 प्रतिशत रहा है। कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षा में कमजोर प्रदर्शन करने विद्यालयों की संख्या 12 है, जिसमें बेरला विकासखंड के 2, साजा विकासखंड के 4, नवागढ़ विकासखंड के 4 और बेमेतरा विकासखंड के 2 स्कूल शामिल हैं।

 

7 स्कूलों में कला संकाय का परिणाम 50 प्रतिशत से कम

7 हायर सेकंडरी स्कूल जिनका परीक्षा परिणाम कला संकाय में 50 प्रतिशत से कम आया है। उनमें शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय देवरबीजा, बालक नवागढ़, बोरतरा, चेचानमेटा, संबलपुर, खाती, गाड़ामोर शामिल हैं। विज्ञान संकाय में जिनका परीक्षा परिणाम 50 प्रतिशत से कम आया है। उनमें शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बालक नवागढ़ शामिल है। वाणिज्य संकाय में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बहेरा और कुसमी शामिल है। जबकि गणित विषय में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सलधा के 4 में से एक स्टूडेंट पास हुआ। कृषि संकाय में कारेसरा स्कूल के परिणाम में 20 में से 8 परीक्षार्थी सफल हुए। यानी रिजल्ट 40 फीसदी रहा।

जिस रिजल्ट को लेकर खुश थे, उसी रिजल्ट की समीक्षा में खुली पोल

जानकार मानते हैं कि बोर्ड परीक्षाफल जारी किए जाने के दौरान हाईस्कूल व हायर सेकंडरी का ओवरऑल रिजल्ट में सुधार आने पर शिक्षा विभाग खुश नजर आ रहा था पर स्कूलवार जब रिजल्ट की समीक्षा हुई तब जिले में पहली बार कक्षा दसवी में 50 फीसदी से कम रिजल्ट वाले स्कूल सामने आए। वहीं 12 हायर सेकंडरी स्कूलों का परीक्षा परिणाम कमजोर रहा। पूर्व सत्र के दौरान बेहतर परिणाम लाने वाले कई स्कूलों की स्थिति सुधरने की बजाय कमजोर हुई है।


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