बेमेतरा

शराब व जुआ पर रोक लगाने पंचायतों ने लिए निर्णय
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 12 जुलाई। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब बिक्री और नशाखोरी से तंग आकर ग्रामीण शराबबंदी की दिशा में कदम बढ़ाना शुरू कर दिया है। जिले के ग्राम चिल्फी, सोमईकला, खुर्द, बेलतरा, आनंदगांव व खाती में शराबबंदी को लेकर निर्णय लिया गया है।
साजा ब्लॉक के ग्राम चिल्फी में दो साल पहले हुए निर्णय के बाद अब कई गांव के लोगों ने बैठक लेकर गांव में शराब पीने, नशापान करने पर दंड निर्धारित किया है। नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम मुरता में नशा के खिलाफ दोबारा पहल की गई है। वहीं कुछ गांवों में पशासनिक व पुलिस की मदद नहीं मिलने से नशा का दौर दोबारा प्रारंभ हो गया है।
ज्ञात हो कि जिले में अवैध तरीके सेे शराब खपाने के साथ गांजा व अन्य नशीले पदार्थ और नशे की गोली की वजह से कई तरह के अपराध होने लगे हैं, साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में शराब पीकर मारपीट व हत्या जैसे गंभीर अपराध तक हो चुके हैं। जिले में बढ़ रहे अपराधिक गतिविधियों के पीछे नशा को एक प्रमुख कारण माना जा रहा है। नशेडिय़ों की वजह से हलाकान हो चुके कई ग्राम पंचायतों में किसी भी प्रकार के नशा करने पर रोक लगाने का निर्णय लिया गया है। ग्राम पंचायतों द्वारा बैठक में निर्णय लेकर 5 हजार से लेकर 51 हजार तक का अर्थदंड निर्धारित किया गया है।
बैठक में शराबबंदी को लेकर आनंदगांव के लोगों ने लिया निर्णय
बीते दिनों बेरला ब्लॉक के आनंदगांव के ग्रामीणों ने नशामुक्त करने के लिए अहम निर्णय लिया है, जहां पंचायत समिति की सामान्य सभा में सरपंच चंदन नायक ने अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने के संबंध में प्रस्ताव लाया कि जो भी व्यक्ति गांव की सीमा में शराब बेचते पकड़ा जाता है तो उसपर ग्राम पंचायत कठोर कानूनी कार्रवाई करेगी। ग्राम सभा में आर्थिक दंड लेने का भी निर्णय लिया गया है ।
सरपंच नायक ने बताया कि नशेड़ी व्यक्तियों को सभी सरकारी योजनाओं से वंचित करने के लिए जिला प्रशासन के समक्ष पक्ष रखा जाएगा। प्रस्ताव को पंचायत में उपसरपंच तिलोसमा धीवर व सभी पंचों द्वारा सर्वसम्मति से पारित किया गया। इसके बाद प्रस्ताव को ग्राम सभा में भी सर्वसम्मति से पारित किया गया। गांव में पारित प्रस्ताव के बाद अब शराब बंदी की दिशा में पहल शुरू हो गई है।
सोमईकला में प्रशासन की मदद की दरकार
साजा ब्लॉक के ग्राम सोमईकला में भी शराब के सेवन और बिक्री पर अर्थदंड के लिए ग्रामीणों ने बैठक ली थी, जिसके बाद करीब दो माह तक इस पर पहल की जा रही थी। इसी बीच प्रशासनिक पहल की कमी और पुलिस की मदद नहीं मिलने से गांव में लिया गया सार्वजनिक निर्णय कुछ कमजोर हुआ है। बहरहाल, अब गांवों में बिगड़ते माहौल से परेशान हो चुके जनप्रतिनिधियों व ग्रामीणों ने नशामुक्ति के लिए धीरे-धीरे पहल शुरू कर दी है।
खुले में शौच, ताश खेलने पर भी दंड का भी निर्णय
ग्राम पंचायत खाती की बैठक में गांव में सार्वजनिक स्थानों पर जुआ, ताश खेलने और शराब पीने पर रोक लगाने का निर्णय दिया है। साथ ही गांव के सभी सरकारी भवन व कार्यालय की सुरक्षा को लेकर जिम्मेदारी तय की गई है। वहीं खुले में शौच करने पर भी अर्थदंड निर्धारित किया गया है। उपसरपंच नेमीचंद ने बताया कि स्वच्छता व अन्य 18 बिन्दुओं पर निर्णय लेकर शराब बिक्री व सेवन, जुआ खेलने आदि पर रोक लगा दी गई है। बकायदा इसकी मुनादी भी गांव में करा दी गई है।
मुरता में शराब व अन्य नशे की बिक्री पर दोबारा रोक
नवागढ़ ब्लॉक के ग्राम मुरता में 6 माह पूर्व शराब, नशीली दवाइयां बेचने व रखने पर अर्थदंड लगाने का निर्णय लिया गया था। प्रथम प्रयास में समुचित कार्रवाई के अभाव ये पहल सफल नहीं हो पाई थी। इसके बाद अब पंचायत ने फिर निर्णय लिया है कि शराब गांजा बेचते पाए जाने पर 51 हजार, नशा की दवाइयां बेचने पर 1 लाख, साथ ही प्रमाण के साथ जानकारी देने वालों को 20 हजार, गांव में गाली-गलौच करने पर 25 हजार, चखना व अंडा बेचने व शराब पीने वालों पर 10-10 हजार का अर्थदंड लगाया है। वहीं जुआ खेलते पाए जाने पर 25 हजार दंड और सूचना देने वालों को 10 हजार पुरस्कार देने का निर्णय लिया है। कई ग्रामीणों ने बताया कि अब निर्णय का असर दिखने लगा है। बीते कई माह से अवैधानिक गतिविधियों पर अंकुश भी लगना शुरू हो चुका है।
प्रशासन करेगा मदद
अनुविभागीय अधिकारी राजस्व पिंकी मनहर ने कहा कि गांव के बेहतर काम के लिए प्रशासन से सहायता मांगने पर जरूर सहयोग किया जाएगा। कार्यालय में आकर इस पर अमल करा सकते हैं।