बेमेतरा

'छत्तीसगढ़' संवाददाता
बेमेतरा, 13 जुलाई। शहर की आवासीय कॉलोनियों, पुराने मिल क्षेत्र और सूने पड़े मकानों में इन दिनों बंदरों का उत्पात लगातार बढ़ता जा रहा है। खाद्य सामग्री की तलाश में बंदर घरों और दुकानों तक में घुसकर उत्पात मचा रहे हैं, जिससे आमजन, खासकर बुजुर्ग और महिलाएं, बच्चे दहशत में हैं। रहवासियों का कहना है कि बंदर छतों पर चढ़कर पानी की टंकियों के ढक्कन खोल देते हैं, कपड़े फाड़ते हैं और छज्जों से सामान नीचे फेंक देते हैं। कई बार तो बंदर रसोई में घुसकर खाने-पीने का सामान उठा ले जाते हैं। बुजुर्ग महिलाएं तो बंदरों के डर से दिनभर दरवाजे-खिड़कियां बंद रखने को मजबूर हैं।
फल विक्रेताओं को भी
नहीं बश रहे बंदर
ठेला और रेहड़ी लगाने वाले दुकानदार भी बंदरों की वजह से परेशान हैं। फल विक्रेता लालू मोटवानी ने बताया बंदर दुकान से सीधे फल उठाकर भाग जाते हैं। कभी-कभी ग्राहकों के हाथों से भी छीन लेते हैं। इससे दुकानदारों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।
मानसून के चलते उग्र हुआ व्यवहार
शहर के निवासी आकाश वर्मा ने बताया कि मानसून के दौरान जंगलों में प्राकृतिक आश्रय और खाद्य स्रोत कम हो जाते हैं, जिससे बंदरों का व्यवहार उग्र हो जाता है। यही कारण है कि वे भोजन की तलाश में आबादी वाले इलाकों की ओर आ रहे हैं।