बेमेतरा

धर्म स्तंभ काउंसिल और वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ ने छेड़ा प्रदेश व्यापी धर्मभूमि मुक्ति आंदोलन
16-Jun-2025 4:18 PM
धर्म स्तंभ काउंसिल और वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ  ने छेड़ा प्रदेश व्यापी धर्मभूमि मुक्ति आंदोलन

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 16 जून। देशभर में सनातन परंपरा से जुड़े वैष्णव मठ-मंदिरों और अखाड़ों की पवित्र भूमि को ट्रस्ट और सोसाइटी के नाम पर हड़पने वाले राजनीतिक संरक्षण प्राप्त भूमाफियाओं के विरुद्ध अब निर्णायक संग्राम शुरू हो चुका है। धर्म स्तंभ काउंसिल एवं अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ ने स्पष्ट घोषणा की कि वे देशव्यापी स्तर पर मठ-मंदिरों की पवित्र भूमि को भूमाफिया चंगुल से मुक्त कराकर उन्हें पुन: सनातन मठ मंदिरों को समर्पित करेंगे।

इस मुद्दे पर धर्म स्तंभ काउंसिल और निर्वाणी अखाड़ा से संबद्ध डॉ. सौरभ निर्वाणी , वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ की महिला इकाई की अध्यक्ष लोरमी रानी अंजलि दास, युवा इकाई के प्रदेश अध्यक्ष राघवेंद्र दास, महासचिव रजनीश वैष्णव, एवं लोरमी युवराज यशवंत दास ने छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह से भेंट कर शासन से इस अभियान में प्रशासनिक सहयोग की मांग की।

डॉ. सौरभ निर्वाणी ने कहा -प्रदेशभर में भूमाफिया अब ट्रस्ट और सोसाइटी के नकाब पहनकर राजनैतिक हस्तक्षेप के माध्यम से सनातन धर्म की हजारों एकड़ भूमि पर कब्जा कर रहे हैं। मठ-मंदिरों की लाखों करोड़ की संपत्ति को निजी उपभोग का साधन बना लिया गया है। यह न केवल धार्मिक अपराध है, बल्कि सनातन की आत्मा पर सीधा प्रहार है।

उन्होंने बताया कि धर्म स्तंभ काउंसिल एवं अखिल भारतीय वैष्णव ब्राह्मण सेवा संघ इस लड़ाई को पूरे तथ्यों, दस्तावेजों और प्रमाणों के साथ न्याय और धर्म के स्तर पर लड़ेंगे और धार्मिक भूमि की वापसी सुनिश्चित करेंगे।

डॉ. निर्वाणी ने यह भी चेताया -कुछ स्वार्थी तत्व राजनीतिक ओट लेकर मठों-अखाड़ों की मूल वैदिक परंपरा को कलंकित कर रहे हैं। ये तत्व न केवल हमारी धार्मिक धरोहर को अपवित्र कर रहे हैं, बल्कि संत-शिष्य परंपरा को भी नष्ट करने पर तुले हैं। सनातन धर्म अब चुप नहीं बैठेगा, यह आंदोलन हर जिले, हर गांव और हर धर्मप्रेमी के दिल में ज्वाला बनकर धधकेगा।

यह आंदोलन केवल भूमि की वापसी का नहीं, सनातन धर्म की पुनर्प्रतिष्ठा, परंपरा की रक्षा और अधर्म के विरुद्ध धर्मयुद्ध का प्रारंभ है। जल्द ही इस विषय पर एक राज्य स्तर की प्रेस वार्ता आयोजित कर आंदोलन की कार्ययोजना और आगामी कदमों की घोषणा की जाएगी।


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