बेमेतरा
बेमेतरा, 20 मई। परिवार न्यायालय के काउंसलर उमराव सिंह वर्मा के द्वारा कई पारिवारिक विवादों को सुलह समझौते के माध्यम से त्वरित निपटान किया जा रहा है। पति-पत्नी के बीच विभिन्न कारणों से आपसी तालमेल नहीं बैठ पाने पर वे विवाह विच्छेद या भरण-पोषण का मांग करते हुए न्यायालय की शरण लेते हैं, जहां दोनों पक्षों के मध्य आपसी समझौता द्वारा प्रकरणों का तेजी से निराकरण किया जाता है। इससे कई टूटते बिखरते परिवार आपस में पुन: मिलते हैं और साथ रहकर एक-दूसरे का सहयोग करते हुए जीवनयापन करने के लिए प्रेरित होते हैं। श्री वर्मा ने बताया कि पहले के समय में संयुक्त परिवार होता था। संयुक्त परिवार अब कम हो रहे हैं। पहले संयुक्त परिवार होने से पति-पत्नी के छोटे-छोटे विवाद घर में ही बड़े-बुजुर्गो के द्वारा सुलझा लिए जाते थे।
घर की बात बाहर नहीं जाती थी। बच्चों को घर में बड़े-बुजुर्गो का साथ मिलने से संस्कार मिलता था। बच्चे और परिवार के सदस्य नियंत्रण में रहते थे परन्तु लोग अपनी महत्वाकांक्षाओं के कारण अब व्यक्तिगत या एकाकी परिवार में रहने लगते हैं। कई बार पति-पत्नी के बीच तालमेल बिगड़ जाता है।
इसका दुष्प्रभाव ये होता है कि बात तलाक तक पहुंच जाती है। ऐसे में काउंसलिंग के माध्यम से टूटते-बिखरते रिश्ते को फिर से जोडऩे का प्रयास किया जाता है।


