बेमेतरा
आंदोलन -चक्काजाम की चेतावनी
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 7 मई। ग्राम खेड़ा में सोमवार को आयोजित सुशासन तिहार के पहले दिन शिविर में ग्राम मुड़पार में प्रस्तावित उद्योग के लिए की जा रही प्रारंभिक तैयारी को लेकर ग्रामीणों ने तत्काल निर्माण कार्य रोकने की गुहार खाद्य मंत्री दयालदास बघेल के सामने लगाई। लगभग पचास लोगों ने लिखकर यह दिया है कि फैक्ट्री लगने से गांव की जमीन बंजर हो जाएगी, गंभीर जल संकट वाले गांव में संकट बढ़ जाएगा, वातावरण दूषित होगा। उद्योग लगाने के लिए शुरू की गई प्रक्रिया की कोई जानकारी नहीं दी गई, तत्काल प्रभाव से कार्य रोका जाए अन्यथा आंदोलन एवं चक्काजाम किया जाएगा।
गोद लेने का दिखाया सपना ग्रामीणों ने पत्र में लिखा है कि दो साल पहले गांव में अस्पताल, स्कूल, सडक़, बिजली, पानी, सार्वजनिक प्रयोजन के लिए भवन देने का सपना दिखाया गया। अब तक गांव में एक जीरो वाट का बल्ब भी नही लगा। ऐसे उद्योग के खिलाफ सब मिलकर लड़ेंगे।
पूरे क्षेत्र में उबाल ग्रामीणों का कहना है कि सभी प्रकार के उद्योग लगाने वालों ने नवागढ़ विधानसभा को चारागाह समझ लिया है। ग्राम मुलमुला में संचालित पोल्ट्री फार्म से अधिकारियों को भले सुंगध आती हो पर बीस गांव की जनता खून के आंसू रोने मजबूर हैं। भैसा में एथनाल प्लांट शुरू हो गया है। मुड़पार में निर्माण प्रगति में है, झिरिया में तिरझी नजर है, गंभीर जल संकट वाले नवागढ़ ब्लाक में इन सभी स्थिति को देखते हुए लोगों में आक्रोश है। उ मुड़पार के लोग जब उद्योग स्थापना के खिलाफ आवेदन लेकर आए, तब मंच पर उपस्थित खाद्य मंत्री दयालदास बघेल जमकर भडक़े। अधिकारियों से कहा कि यह क्या हो रहा है। बघेल की नाराजगी जायज है क्योंकि दो साल पहले मुड़पार रमपुरा में आयोजित जन सुनवाई में बतौर विपक्ष के नेता दयालदास बघेल ने अपने समर्थकों सहित जमकर विरोध किया था।
जल संकट जीवन संकट के लिए उद्योग को घातक बताया था। मुड़पार की महिलाओं ने उद्योग का विरोध किया था लोग बघेल के साथ थे।


