बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 17 अप्रैल। जय जोहार साहित्य एवं संस्कृति संस्थान व वैभव प्रकाशन रायपुर के संयुक्त तत्वावधान में छत्तीसगढ़ की नारी शक्ति पर केंद्रित पुस्तक कोसल पुत्री के दो भाग और कहानी गढ़ छत्तीसगढ़ सहित चार अन्य पुस्तकों का विमोचन मुख्य अतिथि समाजसेवी कौशिल्या विष्णुदेव साय ने किया। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ की 108 महिला नेत्रियों का समान भी हुआ। बेमेतरा जिला से अकेली नवाचारी शिक्षिका और लेखिका मंजू साहू को उनकी प्रकाशित रचना के लिए सम्मानित किया गया। शिक्षिका मंजू साहू ने रिसर्च कर छत्तीसगढ़ की महिला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी केकती बाई बघेल के जीवन पर आलेख तैयार किया है। रचनाकार मंजू साहू की रचनाएं कोसल पुत्री एवं कहानी गढ़ छत्तीसगढ़ में प्रकाशित है। मुख्यअतिथि कौशिल्या साय ने कहा कि महिलाओं को अपनी रक्षा के लिए स्वयं सजग होना होगा। छत्तीसगढ़ की महिलाएं जीवन के विविध रंगों में लिख रही हैं। आज सभी क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ की महिलाएं आगे हैं। घर परिवार के अलावा राज्य की संस्कृति के संरक्षण में वे अत्यधिक सक्रिय हैं। छत्तीसगढ़ साहित्य के मामले में उर्वरा भूमि है। प्रस्तुत पुस्तक अनुसंधान के बाद लिखा गया है इसलिए यह प्रमाणिक इतिहास की तरह है।
विशिष्ट अतिथि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग की सचिव अभिलाषा बेहार ने लेखिकाओं को आत्मनिर्भर बनने के लिए बधाई दी।
मुख्यअतिथि कौशिल्या साय ने कोसल पुत्री, कहानी गढ़ छत्तीसगढ़ सहित अन्य पुस्तकों का विमोचन किया। इस अवसर पर पद्मश्री शमशाद बेगम, उषा बारले, सहित 108 नारी शक्तियों का समान किया। समारोह में छत्तीसगढ़ के विविध जिलों की लेखिकाएं उपस्थित थीं। संस्था की अध्यक्ष डॉ. सीमा निगम ने बताया कि छत्तीसगढ़ में इस तरह का आयोजन पहली बार हुआ है।


