बेमेतरा

जल जीवन मिशन: बोरखनन और टंकी में पॉवर पंप नहीं, ग्राम मटका में कागजों में हो रही जलापूर्ति
11-Mar-2025 2:52 PM
जल जीवन मिशन: बोरखनन और टंकी में पॉवर पंप नहीं, ग्राम मटका में कागजों में हो रही जलापूर्ति

ग्रामीणों ने बताया टंकी का रंगरोगन तो किया लेकिन पानी नहीं 

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता 
बेमेतरा, 11 मार्च।
जलजीवन मिशन को जिस उम्मीद के साथ जिले के लिए स्वीकृत किया गया था, उसमें मिशन खरा नहीं उतरा पा रहा है। ग्राम मटका एवं साजा ब्लॉक के भरदाकला में योजना के तहत कथित तौर पर लगाए गए नल व कनेक्शन ही पानी के लिए तरस गए हैं। ऐसे में गांव के लोगों को पानी मिलने की उम्मीद नहीं की जा सकती। योजना के तहत ग्राम मटका में एक करोड़ से अधिक खर्च किए गए हैं।

पानी टंकी में पानी भरने के लिए बोर खनन नहीं किया गया है। भरदा लोधी में 48 लाख की योजना में पानी टंकी के लिए जरूरी जलस्त्रोत तैयार नहीं किए गए हैं। सरकारी दावे के अनुसार दोनों गांव में सप्लाई जारी है। कागजी पेयजल सप्लाई गांव वालों को आज तक नजर नहीं आई है।

जानकारी हो कि बेमेतरा जिले में जल जीवन मिशन की गड़बड़ी के चलते बीते जुलाई 2024 में ईई धनजंय को निलंबित किया गया था। वहीं त्रुटिपूर्ण रिपोर्टिंग की वजह से हुई कार्यवाही के बाद भी जिले के गांवों में अब तक त्रुटियों को दुरूस्त नहीं किया गया है। ‘छत्तीसगढ़’द्वारा जिला मुख्यालय से 10 किलोमीटर दूर ग्राम मटका में जलजीवन मिशन योजना की जमीनी हकीकत देखी गई। ग्रामीणों ने बताया कि जब से पानी टंकी का निर्माण हुआ है तब से नलों से पानी आना नसीब नहीं हुआ है। जल जीवन मिशन के तहत 2021 में ग्राम मटका में नल जल योजना के अंतर्गत प्रत्येक घर तक नल कनेक्शन पहुंचाने का कार्य आरंभ किया गया था। 

योजना के तहत गांव में टंकी का निर्माण किया गया है और पाइपलाइन बिछाई गई लेकिन आज तक एक भी नल से पानी की आपूर्ति नहीं हुई। गांव की टंकी हाल ही में रंगरोगन कर चमका दी गई है लेकिन पानी का इंतज़ाम नहीं किया गया।

ग्राम मटका में 330 घरों में जल पहुंचाने का सरकारी दावा 
गांव के लिए तैयार की गई योजना में गांव के 343 घरों में से 330 घरों में पेयजल सप्लाई एवं 13 घर में कार्य जारी रहना बताया जा रहा है। इसके अलावा गांव के 3 स्कूल और 2 आंगनबाड़ी में पेयजल सप्लाई होने का विभागीय दावा किया गया है। ग्रामीणों के अनुसार इस तरह की सप्लाई को फर्जी तरीके से दर्शाया जा रहा है।

पानी टंकी में पॉवर पंप नहीं पर 55 लीटर पानी उपलब्ध कराया जा रहा 
सरकारी रिकॉर्ड में मटका गांव के इस योजना को सक्रिय दिखाया जा रहा है और बताया जा रहा है कि प्रति व्यक्ति 55 लीटर प्रतिदिन पानी की सप्लाई हो रही है जबकि वास्तविकता इससे कोसों दूर है। सभी नल टूटे-फूटे पड़े हैं। कुछ पर गोबर और कचरा भरा हुआ है, जहां उच्च दबाव वाले केबल और पाइपलाइन बिछाई जानी थी। वहां बोरवेल खुदाई ही नहीं हुई। संरपच मनाराम साहू ने बताया कि 3 साल पहले पंचायत के बोर से पानी लेकर टेस्टिंग की गई थी। उसके बाद आज 36 माह से एक बूंद भी सप्लाई नहीं हुई। पंच रमेश यदु ने बताया कि गांव के 7 पॉवर पंप में से 4 पंप जलस्तर गिरने की वजह से बंद हो चुके हैं। केवल 3 पॉवर पंप के सहारे 2005 ग्रामीणों को गुजर बसर करना पड़ रहा है। गांव के बिरेन्द पटेल, धन्नू साहू व मोहन के अनुसार गांव में जल जीवन मिशन फेल साबित हुआ है। गांव की इस योजना पर लाखों खर्च हो चुका है।
 


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