बेमेतरा

प्राथमिक शाला में बसंत पंचमी धूमधाम से मनी
04-Feb-2025 3:10 PM
प्राथमिक शाला में बसंत पंचमी धूमधाम से मनी

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 4 फरवरी। शासकीय प्राथमिक शाला खपरी धोबी विकासखण्ड साजा में  प्रधान पाठक धनेश रजक सहित सभी शिक्षक शिक्षिका मां सरस्वती की तेल चित्र पर पूजा-अर्चना कर श्रीफल तोड़े। विद्यालय की नन्हीं नन्हीं बेटियां मां सरस्वती की वंदना प्रस्तुत की।

सहायक शिक्षक थुकेल राम तारम ने कहा कि मां सरस्वती को संगीत की देवी कहा जाता है। जीवन में ज्ञान, कला और संगीत के जरिए माँ की कृपा पाने के लिए बसंत पंचमी पर मां सरस्वती की पूजा की जाती है।

प्रधान पाठक धनेश रजक ने पहले सभी बच्चों को बसंत पंचमी की शुभकामनाएं दिये और कहा बसंत पंचमी माघमास की शुक्ल पक्ष के पंचमी तिथि को मनाते हैं। मां सरस्वती के 12 नाम है। भारती, सरस्वती, शारदा, हंसवाहिनी, जगती, अंगेश्वरी, कुमोध, ब्रह्मचारिणी, बुद्धि धात्री, चंद्रकांती, वरदायिनी, उपभुनेश्वरी कहा जाता है। कहा जाता है मां सरस्वती की रचना उनके जन्मदाता कहे जाने वाले ब्रह्म जी ने की थी। सफेद वस्त्रों में मां सरस्वती अपने प्रिय वाहन हंस पर सवार होकर आती हैं। कहा जाता है कि हंस विवेक, शांत, चित्त का प्रतीक है। मान्यता है जब ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की तो सृष्टि में जीवन था। पर जीवन शांत और बिना आवाज का था। भगवान ब्रह्मा ने अपने कमंडल से जल छिडक़ा। जिससे देवी सरस्वती प्रगट हुई। देवी सरस्वती ने वीणा बजाकर पूरे संसार में मधुर आवाज फैलाई और सृष्टि में जीवन का संचार हुआ। तभी से देवी सरस्वती को ज्ञान, संगीत और कला की देवी कहा जाता है। और पंचमी पर बसंत पंचमी मनाये जाने लगा। हम सभी को मां सरस्वती की अच्छे व साफ मन से पूजा अर्चना करना चाहिए।

सभी बच्चे दोनों शिक्षक की मां सरस्वती पर उद्बोधन को सुनकर बहुत खुश हुए। फिर प्रसाद वितरण हुआ।


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