बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 1 अक्टूबर। तहसील के 12 गांव के हजार से अधिक किसानों को फरवरी व मार्च माह में हुई अधिक बारिश व ओलावृष्टि की वजह से चना व गेहूं फसल के नुकसान की भरपाई के लिए आपदा प्रबंधन के तहत राज्य से जारी की गई राशि प्रदान नहीं की गई है। किसानों को क्षतिपूर्ति से वंचित रखे जाने पर कलेक्टर रणवीर शर्मा ने कार्रवाई करने की बात कही है। क्षतिपूर्ति राशि के लिए किसान बीते 7 माह से कार्यालयों के चक्कर लगा रहे हैं।
बताना होगा कि फरवरी व मार्च माह में दो अलग-अलग अवधि में अधिक वर्षा व ओला गिरने से बेमेतरा, साजा, बेरला, नवागढ़, दाढ़ी, थानखम्हरिया, भिभौरी, देवकर समेत सभी तहसील के एक लाख से अधिक किसानों की चना, गेहूं व अन्य फसलों को नुकसान पहुंचा था। जिले में आपदा प्रबंधन के तहत बीते 13 अगस्त तक 84 करोड़ की राशि प्रभावित किसानों को प्रदान करने के लिए जारी की गई थी। वर्तमान में जिले के चारों ब्लॉक बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ के प्रभावित तहसील के किसानों के लिए 125 करोड़ रुपए की क्षतिपूर्ति राशि शासन से जिले को बांटने के लिए मिली है। आपदा प्रबंधन के तहत मौसम व अन्य विपदा की वजह से नुकसान होने पर राजस्व प्रपत्र 6-4 के तहत फसल नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए आदेश जारी होने के बाद ब्यौरा जुटाया गया था। इस मद से उन किसानों को राहत मिल सकेगी, जिन्होंने फसल बीमा नहीं कराया था। उन्हें अपने फसल नुकसान के एवज में सिंचित के लिए कम से कम 2000 रुपए और अधिक से अधिक 17000 रुपए व असिंचित रकबा के लिए प्रति हेक्टेयर कम से कम राशि 1000 रुपए व अधिक से अधिक 8500 रुपए मिलना है।
किसान फसल नुकसान के एवज में शासन से प्राप्त होने वाली राशि नहीं मिलने से परेशान हैं। वहीं दूसरी तरफ आकाशीय बिजली की वजह से होने वाले नुकसान की क्षतिपूर्ति के लिए आपदा प्रबंधन के तहत मिलने वाली राशि के लिए दो भेड़ पालक परेशान हैं। साजा ब्लॉक के ग्राम गातापार के दो किसान हीरा पिता भारत पाल ने बताया कि बीते 15 जून को बिजली गिरने से 10 भेड़ व 2 बकरी की मौत हुई थी। इसके बाद भी उसे आज तक अनुदान नहीं मिला है। पीडि़त ने बताया कि भेड़ बकरी पालकर जीवन चलाता है।
इसी तरह रामजी पाल की 7 भेड़ों की मौत आकाशीय बिजली गिरने से हुई थी। गाज गिरने से हुए नुकसान की वजह से दोनों भेड़ पालकों का जीवकोपार्जन प्रभावित हुआ है, जिसके बाद शासन द्वारा दिए जाने वाले मुआवजे के आवेदन प्रस्तुत करने के बाद दोनों को योजना का लाभ नहीं दिया गया है। उन्होंने बताया कि राशि मिलने के बाद दोनों भेड़ बकरी खरीद कर जीवनयापन करेंगे। बहरहाल दोनों भेड़ पालक इससे पहले साजा कार्यालय का चक्कर लगा चुके हैं, जहां पर सुनवाई नहीं होने के बाद समस्त दस्तावेज के साथ जिला प्रशासन के समक्ष आवेदन प्रस्तुत किया है।
12 गांव के किसान वंचित हैं
बेमेतरा तहसील के ग्राम मुलमुला के 464, ग्राम नवागांव 264, करंजिया 164, सिंघनपुरी 283, खाम्ही 206, कोसा 119, नरी 352 और भनसुली के 437 किसान को राहत राशि नहीं मिली है। इसके अलावा ग्राम बिरमपुर, आंदू, घठोली के फसल नुकसान के 7 माह बाद डिमांड नहीं प्रस्तुत किए जाने की वजह से आरबीसी के तहत प्रकरण तैयार नहीं किया गया है। संबधित गांव के हजारों की संख्या में किसान हैं, जिन्हें फसल के समय में खेती किसानी के लिए जरूरत होने के बाद भी समय पर राशि नहीं मिली है।
कार्रवाई तय की जाएगी
कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा कि आरबीसी 6-4 के तहत राशि जारी नहीं किए जाने की जानकारी आप से मिल रही है। तहसीलदार से जानकारी लेने के बाद आगे कार्रवाई तय की जाएगी।


