बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 23 सितंबर। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान में तीन दिवसीय विज्ञान शिक्षकों के प्रशिक्षण के अंतिम दिवस डाइट प्राचार्य जे के घृतलहरे ने कहा कि किसी भी वस्तु या घटना का क्रमबद्ध अध्ययन ही विज्ञान कहलाता है। उन्होंने सभी प्रतिभागी शिक्षकों से आह्वान किया कि वे अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन पूरी ईमानदारी के साथ करें। कक्षा में जाएं तो संबंधित विषय और टॉपिक की अच्छी तैयारी के साथ जाएं। अगर हम पूरी तैयारी के साथ नहीं जाएंगे तो हम बच्चों को कक्षा में अच्छे से नहीं बता पाएंगे। अत: हमें पूरी तैयारी, पूरे आत्मविश्वास के साथ अपनी कक्षा में जाना चाहिए। अगर हम ऐसा कार्य करेंगे तो परिणाम भी निश्चित रूप से बहुत ही अच्छा होगा।
वरिष्ठ व्याख्याता डॉ. बसुबंधु दीवान ने कहा कि यहां से जो कुछ भी आप अपने बच्चों के लिए सीखे है उसे 100 प्रतिशत होने बच्चों तक, कक्षा तक पहुंचाए। प्रायोगिक कार्य पर ज्यादा जोर दें। अपने बच्चों को नियमित रूप से प्रायोगिक कार्य कराएं। उसे अपनी कक्षा तक, अपने बच्चों तक निश्चित रूप से पहुंचाए। तभी इस प्रशिक्षण की सार्थकता है।
मास्टर ट्रेनर्स मंजू साहू शिक्षिका शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला मटका, केजहा राम निषाद व्याख्याता शासकीय हाई स्कूल करंजिया नवागाँव तथा अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से श्रेया दुबे थी। प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी डाइट की व्यायाता कीर्ति घृतलहरे है। कार्यशाला के समापन पर संस्थान के व्याख्याता, जीएल खुटियारे, थलज कुमार साहू, राजकुमार वर्मा, श्रद्धा तिवारी, अमिंदर भारती, सहित सभी अकादमिक एवं कार्यालयीन सदस्य उपस्थित थे।