बेमेतरा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 16 जुलाई। जिले में सडक़ दुर्घटना में मवेशियों की आए दिन मौत हो रही है। बीती रात ग्राम बैजी के पास अज्ञात वाहन की चपेट में आने से पांच मवेशियों की मौत हुई। वहीं एक मवेशी घायल हुई। मवेशियों की मौत पर पशुप्रेमियों ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि हादसे में घायल मवेशियों के उपचार के लिए भर्ती करने की सुविधा नही है।
बताना होगा कि जिला मुख्यालय से होकर गुजरे नेशनल हाईव व स्टेट हाईवे व जिला स्तर की सडक़ों पर आने जाने वाले वाहनों की चपेट में आने से चौपाया मवेशियां हादसे का शिकार होकर जान गवा बैठे हैं। जिले में इस तरह की घटनाओं की संख्या अधिक होने के बाद भी हादसे में घायल हुए मवेशियों को रखकर समुचित उपचार की सुविधा तक नहीं है। बेमेतरा से सिमगा तक करीब 12 स्थानों पर मवेशियों का जमवाडा लगा रहता है ।
ग्राम तिवरैया, रांका, पथर्रा, कठिया, बेमेतरा, नवागढ़ चौक, बैजी, कारेसरा, कन्हेरा, अगरी, ओडिया में सडक़ पर कई हादसे हो चुके हैं जिनमें मवेशियों से टकराने के कारण वाहन के चालक व सवारी घायल हुए हैं।
मांग करते है सुनने वाले कोई नहीं - हरीष
पशु सेवक व चितंक हरीश चौहान ने बताया कि जिला में बारिश होने के दौरान सडक़ दुर्घटनाओं में मवेशियों की मौत होने की घटनाएं अधिक होती हैं। गौसेवा समिति द्वारा कई साल से जिला में होने वाली दुर्घटनाओं में घायल हुए गाय व अन्य मवेशियों के उपचार के लिए एम्बुलेंस की सुविधा व रखरखाव के लिए अस्पताल और संसाधन उपलब्ध कराने के लिए कई आवेदन दे चुके हैं पर आज तक इस पर अमल नहीं किया गया है। सुविधा नहीं होने की वजह से दुर्घटना में घायल पशुधन की मौत हो जाती है। बहरहाल, कृषि प्रधान जिला में कास्तकारी कार्यो के लिए गौवंश पशुधन की संख्या लाखों में है, इसके बावजूद इसके उपचार के लिए पर्याप्त सुविधा नहीं है। जिससे हादसे में घायल मवेशियों की असमय मौत हो रही हैं । हादसे में घायल होने वाले मवेशियों को बचाने की के लिए तकोई जहमत नहीं उठाई जा रही है।
गौवंशों की मौत, एक गंभीर
बीती रात में ग्राम बैजी के पास अज्ञात तेज रफ्तार वाहन की चपेट में आने से चार गौवंशों की मौत हुई है। वही हादसे में एक गौवंश गंभीर रूप से घायल हुई है। गौसेवक हरीश चौहान ने बताया कि एक मवेशी को रेस्क्यू कर बचा लिया गया, जिसे उपचार के लिए अपने गौशाला भेजा गया है।
सडक़ बन गया गौठान -
सडक़ पर बैठे मवेशियों से मवेशी व वाहन चालक, दोनों हादसे का शिकार हो रहे हैं। इसके बाद भी हादसे से निराकरण करने के लिए बीते एक साल से प्रयास नहीं किया गया है। जिसकी वजह से पूर्व की अपेक्षा बीते एक साल से सडक़ अघोषित तौर पर गौठान या पसरा बन हुआ है। राजस्व विभाग के एक सर्वे रिर्पोट के अनुसार जिला के बेमेतरा, साजा, बेरला व नवागढ़ ब्लाक में 2 लाख 89 हजार 71 गाय, बैल, बछडा व बछिया है। जिनमें 72 हजार 470 गाय बैल 3 साल के आयु वाले, वहीं 3 साल से अधिक आयु वाले 48 हजार 834 गाय व बैल हैं। दोनों मिलाकर जिले में 98 हजार 535 मवेशी हैं। इसके अलावा 1 लाख 18 हजार 68 बछड़ा व बछिया हैं। वहीं 32 हजार 543 भैसा प्रजाति कें चौपाया मवेशी हैं। इतनी संख्या में गोंवंशों को देखते हुए पूर्व में गौठान योजना संचालित हो रही थी जिसके फेल हो जाने की वजह से इस तरह की स्थिति बन गई है।