बेमेतरा

पोल्ट्री फार्म प्रबंधन दामन बचाने किसानों को दे रहा क्षतिपूर्ति
24-Aug-2024 1:54 PM
पोल्ट्री फार्म प्रबंधन दामन बचाने किसानों को दे रहा क्षतिपूर्ति

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता

बेमेतरा, 24 अगस्त। 31 जुलाई को मुलमुला में संचालित पोल्ट्री फार्म के खिलाफ किसानों ने फसल, खेत की तबाही, गंध से परेशानी की कलेक्टर से शिकायत की थी। सकरी फेश टू केनाल के माइनर में पोल्ट्री फार्म प्रबंधन द्वारा बिना अनुमति वेस्ट वाटर छोडऩे से आसपास के किसानों के खेत में दूषित पानी भर गया था, जिसे लेकर मुलमुला सहित आसपास के लोग आक्रोशित है।

जलसंसाधन विभाग ने केनाल में पानी छोडऩे को लेकर जो नोटिस जारी किया था जिसके जवाब में पोल्ट्री फार्म प्रबंधन ने लिखित में यह दिया है कि उनके द्वारा बनाए गए तालाब अधिक वर्षा के कारण फूट गया जिसके कारण वेस्ट मैटेरियल खेत में चला गया। अब अलग से गड्ढा खोदकर व्यवस्था की गई है। किसानों को समझाईश दे दी गई है भविष्य में इसकी पुनरावृति नहीं होगी। यह जवाब किसी विशेषज्ञ ने बनाया पर गलती कर दी। पोल्ट्री फार्म प्रबंधन समझाइश किसानों को दे रहे हैं। जलसंसाधन के माइनर में जो पाइप लगाया गया उसका उद्देश्य क्या है। पोल्ट्री फार्म प्रबंधन जल संसाधन विभाग के अलावा सभी जानते हैं। ग्राम पंचायत बाराडेरा के सरपंच धनसाय भारती ने बताया कि प्रभावित किसानों को क्षतिपूर्ति देकर मामला शांत करने का प्रयास किया गया है, पर यह स्थायी समाधान नहीं है।

जांच में देर क्यों

पोल्ट्री फार्म प्रबंधन ने माइनर में पाइप कैसे लगाया। इसके पीछे मुय कारण क्या हैं। पोल्ट्री फार्म के गंध से कितने ग्राम प्रभावित है। बच्चों, शिशुवती, गर्भवती एवं बीमार लाचार लोगों पर इसका कितना असर पड़ रहा है। कितने किसान है जिन्हे मुंह बंद करने इस तरह की क्षतिपूर्ति दी जाती है। दूषित जल से होने वाले उपज का मानव शरीर पर क्या असर पड़ता है।

कलेक्टर रणबीर शर्मा ने कहा कि किसानों की शिकायत पर पोल्ट्री फार्म प्रबंधन को नोटिस जारी किया गया है।


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