बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 3 अगस्त। ग्राम पिरदा व गब्दा के ग्रामीणों ने भिभौरी नगर पंचायत में शामिल किए जाने के विरोध में जिला कार्यालय के सामने जमकर विरोध दर्ज कराया। ग्रामीणों के अनुसार वो अपने पंचायत को स्वतंत्र पंचायत ही रहने देने चाहते हैं।
ज्ञात हो कि ग्राम भिभौरी को सीएम की घोषणा के अनुसार नगर पंचायत बनाए जाने के लिए कवायद तेज कर दी गई है, जिसके तहत नगरीय प्रशासन एंव विकास मंत्रालय द्वारा अधिसूचना जारी की गई है। अधिसूचना जारी किये जाने के 21 दिन तक आपत्ति व सुझाव मंगाया गया है। इसके बाद ग्राम पिरदा व गब्दा के लोगों ने विरोध दर्ज कराया है। भिभौरी नगर पंचायत के लिए जारी किये गये प्रस्ताव के अनुसार इस नगर पंचायत में नगर पंचायत भिभौरी की कुल जनसंख्या 4592, ग्राम पंचायत पिरदा की जनंसख्या व ग्राम गब्दा की जनंसख्या 710 को मिला कर कुल 6880 जनसंख्या क्षेत्र वाला पंचायत बनाने का प्रस्ताव है। पर ग्राम पंचायत के ग्रामीण टैक्स लगने व सरकारी दखल बढने की संभावना को देखते हुए विरोध के लिए सामने आने लगे है।
मनरेगा से रोजगार मिलना बंद हो जाएगा
आपत्ति दर्ज कराने के लिए जिला कार्यालय पहुंचे ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों के अनुसार दोनों गांव को नगर पंचायत में शामिल किया जाता है, तो गांव वालों को टैक्स देना होगा। इसके साथ ही मनरेगा के तहत मिलने वाला 100 दिन का रोजगार भी उन्हें निकाय क्षेत्र में शामिल होने से नहीं मिल पाएगा। जनपद सदस्य हर्षलता वर्मा व पिरदा सरपंच अंजू संजय परगनिहा के अनुसार ग्राम पिरदा व गब्दा के लोग पहले ही आपत्ति दर्ज करा चुके हैं।
आबादी पर्याप्त , हमारे गांव को शामिल न करें
ग्राम पिरदा निवासी नेतराम साहू, संजय परगनिया, मनोज वर्मा, जीवन परगनिया के अनुसार भिभौरी की आबादी 5000 है , जो नगर पंचायत के लिए पर्याप्त है। ऐसे में पिरदा को शामिल किए बगैर भिभौरी को ही नगर पंचायत बनाया जाना चाहिए।
अपर कलेक्टर डॉ. अनिल बाजपेई ने बताया कि कार्यालय पहुंचकर ग्राम पंचायत पिरदा व गब्दा के ग्रामीणों ने भिभौरी पंचायत में शामिल किये जाने पर आपत्ति दर्ज कराई है।


