बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 24 जून। जिले के लीड कालेज में नया सत्र प्रोफेसर व असिस्टेन्ट प्रोफेसर की कमी के साथ प्रारंभ होगा। पीजी कालेज में पीजी स्तर की कक्षाओं के लिए प्रोफेसरों की कमी है। लंबे समय से प्राध्यापकों की कमी के साथ पीजी कालेज संचालित हो रहा है। 500 दर्ज संख्या के अनुसार यहां सेटअप स्वीकृत है जबकि वर्तमान में यहां की दर्ज संख्या 45 सौ से अधिक है। पुराने सेटअप के अनुसार भी यहां फैकेल्टी पर्याप्त नहीं हैं।
जिले के सबसे पुराने पीजी कालेज में शैक्षिक पदों पर प्रोफेसर व असिस्टेंट प्रोफेसर की कमी है। कालेज में यूजी स्तर के तीनों संकाय, बीएससी कम्यूटर साइंस, पीजी स्तर पर मैथ्स, बायो, केमिस्ट्री ,बाटनी, एम ए इंग्लिश, एम काम, एम ए भूगोल, व अर्थशास्त्र की नियमित कक्षाए लगती है। इसके लिए शासन स्तर से प्रोफेसर के पद स्वीकृत किए गए हैं पर सभी पद लंबे अर्से से रिक्त हैं। इसके अलावा यूजी स्तर के कला ,विज्ञान, वाणिज्य के लिए कुल 21 पद स्वीकृत हैं। इसमें भी प्राणी शास्त्र के 2 पद में से 1 पद रिक्त, रसायन के 3 में से 1 पद रिक्त, वनस्पति के 2 पद रिक्त, हिन्दी के दो पद रिक्त व अर्थशास्त्र के 1 पद रिक्त हैं। यहां कुल 13 पद पर कार्यरत हैं शेष 8 पद रिक्त हैं।
बीए में 650 सीट की स्वीकृति, बीएससी 545 सीट
एक तरफ कालेज में स्टाफ की कमी है तो दूसरी तरफ छात्रों के लिए भारी संख्या में सीट स्वीकृत हैं। बताया गया कि सेटअप की स्वीकृति करीब दो दशक पहले तत्कालीन दर्ज संख्या के अनुसार दी गई थी, पर आज पी जी कालेज का दर्ज संख्या 4 हजार से अधिक है। जारी सत्र में प्रथम वर्ष में लिए बी ए के लिए 650 सीट, बी एस सी 545 सीट, बी काम 350 सीट और बी सी ए 50 सीट स्वीकृत किए गए हैं। बीते सत्र के दैारान कालेज में यूजी व पी जी स्तर सभी कक्षाओं में 4190 विद्यार्थी थे और नये सत्र में दो कोर्स एम एस डब्लयू अैार अन्य कोर्स की स्वीकृति मिली है जिसके लिए स्वीकृत पद को सेटअप में शामिल नहीं किया गया है पर प्रबंधन के लिए दर्ज संख्या का दबाव बढ़ेगा।
कॉलेज 1966 से संचालित है पर पदों की कमी दूर नहीं हुई
जनप्रतिनिधियों ने 1966 में बेमेतरा शिक्षा संमिति का गठन कर बी ए व विज्ञान संकाय के साथ कालेज प्रारंभ किया था। इसके बाद 1981 में कालेज का शासकीय करण किया गया था। इसके बाद 1982-83 में वाणिज्य संकाय, प्रारंभ किया गया। इसके बाद से कालेज में 2008 पी जी स्तर की कक्षाएं प्रारंभ की गई। इस बीच कार्यरतों की कमी रही जो आज भी बरकरार है। कालेज के 60 साल के इतिहास में कभी ऐसा अवसर नहीं आया है जब शत प्रतिशत सेटअप हो।
सेटअप रिव्यू की आवश्यकता
पीजी कॉलेज का वर्तमान सेटअप 500 दर्ज संख्या के अनुसार स्वीकृत है, पर आज कॉलेज का दर्ज संख्या 45 सौ के करीब पहुँच चुका है। इसे देखते हुए सेटअप का पुर्नविचार किए जाने की जरूरत है। समय-समय पर प्रबंधन द्वारा इस दिशा में उच्च शिक्षा विभाग को अवगत कराया जाता रहा है।
कार्यालयों में भी कर्मचारियों की कमी
कार्यालय में भी कर्मचारियों की कमी- पी जी कालेज में कार्यालयीन कार्य के लिए 20 पद का सेटअप स्वीकृत है जिसमें से सहायक ग्रेड 1, सहायक ग्रेड 2, डाटा एन्ट्री आपरेटर का 1 पद, प्रयोशाला तकनीशियन के 5 पद, परिचारक के 3 पद रिक्त हैं। कार्यालय का काम काज आधे स्टाप के साथ करना पड़ रहा है।
अनुरोध किया गया है - अशोक सलूजा
जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष अशोक सलूजा ने बताया जनभागीदारी समिति द्वारा कालेज की आवश्यकता और स्टाफ की कमी को लेकर शासन व जनप्रतिनिधियों को पत्र लिख कर पदपूर्ति के लिए अनुरोध किया गया है जिससे समस्या का निराकरण हो सके।


