बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 18 अप्रैल। किसान पुत्रों की पुरखों की जमीन पर लोक निर्माण विभाग बगैर मुआवजा दिये मनमाने तरीके से सडक़ बनाने की तैयारी में जुटा हुआ है। मनमानी का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसानों के बगैर जानकारी के प्रस्तावित सडक़ के लिए निजी जमीन को योजना में शामिल कर लिया गया है। जब खेतों को समतल करने का काम किया जा रहा तब किसानों को सडक़ बनाये जाने की जानकारी हुई।
अपने जमीन पर हो रहे निर्माण काम रोकने के लिए मौके पर गये किसानों को उनके खेतों से ही भगा दिया गया। प्रभावित किसानों ने सक्षम अधिकारियों के समक्ष आवेदन प्रस्तुत कर निर्माण रोकने की मांग की है।
लोक निर्माण विभाग द्वारा विभागीय योजना के तहत जिला मुख्यालय के सडक़ों का उन्नयन करने के नाम पर आसपास के मार्ग का उन्नयन के लिए मोहभटठा से ग्राम मुरपार मार्ग करीब 2.80 किलोमीटर सडक़ के निर्माण के लिए, कोबिया से खिलोरा तक सडक़ और कोबिया से मोहभ_ा तक सडक़ व रजकुड़ी से बैजलपुर मार्ग का निर्माण हो रहा है। योजना के तहत कुल 9.13 किमी लंबी सडक़ के लिए 1527 लाख 34 हजार की प्रशासकीय स्वीकृति 15 अक्टूबर 2010 को जारी किया गया था। सडक़ निर्माण के लिए 2021-21 में अनुबंध किया गया। जिसके बाद 5 जुलाई 21 को कार्यादेश जारी किया गया था। अब तक सडक़ मोहभटठा रोड पर सडक़ निर्माण के नाम पर 2 पुलिया का निर्माण किया जा चुका है और दो पुलिया का निर्माण जारी है।
किसानों ने कहा हमारी पुरखों की जमीन लूट रहे
ग्राम मुरपार के किसान रमेश वर्मा, गोपाल वर्मा, संतोष वर्मा, गैंदलाल वर्मा, खेलावन वर्मा समेत अनेक किसानों ने बताया कि मोहभ_ा से लेकर मुरपार पहुंच मार्ग का निर्माण लोक निर्माण विभाग द्वारा ठेके पर कराया जा रहा है। सडक़ का निर्माण हमारे जमीन से होकर कराया जा रहा है और निर्माण कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। उक्त मार्ग को बनाने के लिए जब प्रस्ताव लिया गया तब हमें सूचना तक नहीं दिया गया। सर्वे में भी जानकारी नहीं दिया गया और तो और हम लोगों से लिखित में सहमति तक नहीं लिया गया है। हम सब किसानों का आजीविका का एक मात्र साधन है। जिसके छिन जाने से हम सडक़ पर आ जायेंगे। किसानों ने सडक़ का निर्माण कार्य रोकने के लिए जिला प्रशासन से गुहार लगाई है।
पूरी योजना में ग्राम मोहभटठा से ग्राम मुरपार तक सडक़ का निर्माण किया जाना है जिसके लिए मोहभ_ा आवास रोड से कुंज से होते हुए मुरपार तक जाने के लिए सडक़ पर निर्माण प्रारंभ किया गया है। इस रोड के लिए जब प्रस्ताव तैयार किया गया था तब निजी जमीन मालिकों को सडक़ बनाये जाने की जानकारी तक नहीं दी गई, न ही जमीन मालिकों से सहमति ली न ही मुआवजा देने की तय प्रक्रिया अनुसार कार्रवाई किया गया और सडक़ का निर्माण प्रारंभ कर दिया गया है।
किसानों ने ‘छत्तीसगढ़’ को जानकारी दी कि सडक़ बनाने से पूर्व मुआवजा प्रकिया को पूर्ण करना था, जिसमें उनको क्षतिपूर्ति दिये जाने के बाद ही सडक़ का निर्माण प्रारंभ किया जाना था पर आज सडक़ बनाने के लिए उनके खेतों पर बेजा काम शुरू किया जा रहा है। किसानों ने बताया कि यहां पर प्रति एकड़ 25 लाख चल रहा है। गांव के गोपाल वर्मा का सवा एकड़, टोपेन्द्र वर्मा का 2 एकड़, रमेश वर्मा, गैंदराम वर्मा का एक-एक एकड़, संतोष वर्मा व केजराम का डेढ़-डेढ़ एकड़, मानसिह वर्मा का 3 एकड़, पुष्पराज व चंद्रप्रकाश का डेढ़- डेढ़ एकड़, कमलेश वर्मा का एक एकड़ जमीन सडक़ के जद में आ रहा है। इनमें से अनेक ऐसे किसान है जिनके पास इस जमीन के अलावा दीगर जमीन नहीं है।
अनुविभागीय अधिकारी लोक निर्माण विभाग भावेश सिंह ने बताया कि सडक़ के लिए करीब डेढ़ किमी निर्माण किया जा रहा है। आगे सडक़ के लिए सर्वे कराया जा रहा है। सडक़ का निर्माण बजट कार्य के तहत किया जा रहा है।


