बेमेतरा
‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 13 अप्रैल। एलॅन्स पब्लिक स्कूल में पालन-पोषण मेरी जिम्मेदारी है विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। डॉ. सत्यजीत होता, प्राचार्य व अभिभावकों ने मां सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया।
डॉ. सत्यजीत होता ने कहा कि एक सफल अभिभावक वह है जो हमेशा बच्चे के हित में सकारात्मक निर्णय लेने की पूरी कोशिश करता है और सोचता है कि पालन-पोषण मेरा अधिकार नहीं है, बल्कि इसे एक दैवीय जिम्मेदारी मानता है।
उन्होंने कहा कि बच्चों का लालन-पालन करते समय हमें सकारात्मक पहलुओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए, जैसे प्रतिदिन कुछ समय अपने बच्चों के साथ खेलने के लिए निकालना, उन्हें हमेशा सच बोलने के लिए प्रेरित करना और उनके प्रति अनुशासित रहकर संबंध बनाकर रखना चाहिए। सुधार और कनेक्शन सिद्धांत के अनुसार सकारात्मक सोच रखें, बच्चों को जीने के बेहतर तरीके बताएं, उन्हें सही और गलत का एहसास कराएं, बच्चों की जरूरतों और इच्छाओं में अंतर बताएं, उन्हें समझाएं कि जरूरतें पूरी हो सकती हैं, लेकिन इच्छाएं असीम है। उन्हें उनका हुनर विकसित कर सीखते हुए कमाई का मंत्र दें। हमें उनकी असीमित इच्छाओं को नियंत्रित करना होगा। उन्होंने माता-पिता को सलाह दी कि वे अपने बच्चों को भय से मुक्त रखें और उन्हें जीवन के आचरण के अनुसार स्वतंत्रता दें। जीवन में धैर्य, साहस, दया, क्षमा और करुणा का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करें।
उन्होंने कहा कि बच्चों को सचेत और धर्मपरायण बनाना चाहिए। माता-पिता को सलाह दी कि वे इस तरह से पालन-पोषण करें कि बच्चे आने वाली पीढिय़ों को अपने पालन-पोषण की कहानियां सुना सकें। शिक्षकों और अभिभावकों को सलाह दी गई कि वे छात्रों को ज्ञान के साथ भक्ति से जोड़ें। अपने सुझाव देते हुए बच्चों से कहा कि माता-पिता से कोई भी आरोप न छुपाएं, माता-पिता के साथ अपराध साझा करने का साहस रखने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम के दौरान अभिभावकों ने आधुनिक समय में बच्चों की परवरिश में आ रही दिक्कतों और बच्चों के व्यवहार में आ रहे बदलाव को साझा किया। अभिभावकों द्वारा अपने बच्चों की शिक्षा के बारे में प्राचार्य से प्रश्न किए गए। प्राचार्य ने अभिभावकों की समस्याओं के समाधान के कई उपाय बताए और अभिभावकों के महत्वपूर्ण दायित्वों को निभाने के लिए प्रेरित किया।


