बेमेतरा

संत गाडगे का जीवन समाज में फैली बुराइयों को दूर करने में बीता-छाबड़ा
03-Mar-2023 4:00 PM
संत गाडगे का जीवन समाज में फैली बुराइयों को दूर करने में बीता-छाबड़ा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 3 मार्च।
ग्राम देवरबीजा में झेरिया धोबी समाज देवरबीजा राज द्वारा आयोजित एक दिवसीय वार्षिक आमसभा में मुख्यअतिथि आशीष छाबड़ा विधायक  शामिल हुए।

इस अवसर पर विधायक आशीष छाबड़ा संबोधित करते हुए कहा कि भारत देश वैसे तो संतो की देश कहा जाता है जहां कई महान संत हुए जिन्होंने समाज कल्याण ने लिए अपने जीवन निछावर कर दी और अपनी अलौकिक ज्ञान से समाज को कई जनजागरूक कर ज्ञान दिए ऐसे ही एक संत जिनका हम सभी जयंती मना रहे है, जिन्होंने एक टूटे फूटे मिट्टी के बर्तन लिए लोगो के बीच में गांव-गांव जाकर स्वच्छता अभियान चलाया था विस्मृत प्रकाशमान हैं संत गाडगे महाराज,1876 में महाराष्ट्र के अमरावती में देबुजी झिंगराजी जानोरकर के रूप में जन्मे, जहां भी उन्होंने यात्रा की,मिट्टी के बर्तन का एक टूटा हुआ टुकड़ा (मराठी में गाडगे कहा जाता है) ले जाने के कारण उन्हें अपना नाम ‘गाडगे’ मिला,संत गाडग़े जी बाबा का सम्पूर्ण जीवनपर्यन्त समाज में फैली बुराइयों को दूर करने के लिए संघर्ष करते रहे,संत गाडग़े, बाबा साहेब डॉ.भीमराव अम्बेडकर को अपना गुरु मानते थे, संत गाडग़े जी बाबा अपना पूरा जीवन मानव कल्याण की सेवा में समर्पित किया, संत गाडगे बाबा के जीवन का लक्ष्य समाजसेवा था, दीन-दुखियों की सेवा को ही बाबा ईश्वर भक्ति मानते थे धोबी समाज आज संत गाडगे के मार्ग पर चलकर समाज सेवा में लगा हुआ है। 

इस अवसर पर टीआर साहू, मेघनाथ निर्मलकर,सुनीता नोहर देवांगन, कमल वर्मा, विजय देवांगन, रामधार देवांगन, अनिल रजक,बुधराम रजक, राजजनकनिर्मलकर, शति निर्मलकर, विष्णु रजक,तुलसी रजक,लेखराम रजक, सुंदरलाल रजक, पंचराम निर्मलकर,नारायण निर्मलकार,जगनू रजक, पुरुषोत्तम, अनिल कुमार,पंथराम निर्मलकर, विक्रम, कुलेश्वर शोभा सहित बड़ी संख्या समाज जन रहे उपस्थित।

 


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