बेमेतरा

करोड़ रुपए का झाइम कबाड़ होने के कगार पर, आठ माह बीत गए, नहीं हुआ निराकरण
02-Mar-2023 2:15 PM
करोड़ रुपए का झाइम कबाड़ होने के कगार पर, आठ माह बीत गए, नहीं हुआ निराकरण

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 2 मार्च।
जून 2022 में बेमेतरा जिले के नवागढ़ विधानसभा में तत्कालीन कलेक्टर के निर्देश पर कृषि विभाग ने सेवा सहकारी समितियों में ताबड़तोड़ छापा मारकर समितियों रखे सभी प्रकार के झाइम के साथ अन्य उत्पाद जब्त कर बिक्री पर तत्काल रोक लगा दी। इसमें मूल उद्देश्य कुछ और था इसकी पुष्टि इस बात से होती है कि बिना तथ्य एवं सत्य के पड़ताल किए दाढ़ी ब्रांच के एक समिति की आड़ में कुछ कर्मचारी अधिकारी के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया। नवागढ़ पूरा खेल प्रायोजित था इसमें सफलता नहीं मिली तो मामले को उलझाकर छोड़ दिया गया जो अब सवालों के घेरे में हैं।
 

झाइम का निराकरण नहीं तो लाखों का नुकसान 
नवागढ़ विधानसभा के समितियों में जब्त पड़े झाइम में से वे झाइम भी है जिसका भुगतान समितियों ने बहुत पहले ही कर दिया है। यदि इन झाइमों का निराकरण नहीं होता तो होने वाले लाखों का नुकसान सीधे किसानों का है। समिति में होने वाले लाभ नुकसान का किसी न किसी रास्ते किसानों के हिस्से में जाता है। कृषि विभाग बेमेतरा द्वारा तीन माह में सूचना के अधिकार के तहत यह जानकारी नहीं दी जा सकी कि कितना झाइम जब्त हैं। बेचने की अनुमति किसने दी। कबीरधाम में पावर पम्प घोटाला पर जब कुछ नहीं हुआ तो इस विभाग को यह लग रहा है कि जनता की आवाज दब जाएगी जिस दिन किसान उठ खड़े हुए तो विभाग हिल सकता है जो इस विभाग के लिए महंगा साबित होगा। जब्त झाइम का पंचनामा, बेचने की अनुमति, गुणवता, मात्रा, उपयोगिता, मूल्य सहित तमाम जानकारी कृषि विभाग ने कलेक्टर को कब दी, आठ माह में इसमें क्या हुआ, इस पर जिम्मेदारी तय हो, निर्णय में देरी से जो नुकसान होगा भरपाई कौन करेगा?

 जांच के लिए टीम गठित हो 
भाजपा नेता डॉ. जगजीवन खरे ने कहा कि यदि झाइम में कुछ गड़बड़ी है तो उच्च स्तरीय जांच हो। साजा, बेमेतरा, नवागढ़ तीनों विधानसभा में आपूर्ति के पीछे जो कोई कारण है इसकी जांच हो। राज्य सरकार टीम का गठन करे, यदि जबरन समितियों में आपूर्ति की गई है तो झाइम को मुफ्त वितरण करवा दे।

झाइम या झमाझम 
आप नेता अंजोरदास घृतलहरे ने कहा कि वर्ष 2014 से झाइम कारोबार चलन में है। किसानों से करोड़ों की कमाई में किसकी कितनी हिस्सेदारी सार्वजनिक होना चाहिए। कांग्रेस सरकार किसान हितैषी होने का स्वांग रचती है। दूसरी तरफ किसानों के साथ खिलवाड़ होता है। जिले में झाइम की बिक्री किसके सहमति से हुआ, किस कंपनी का झाइम खपाया गया, वास्तविक मूल्य बिक्री मूल्य, बाजार मूल्य, होने वाले लाभ का हिस्सा क्या था सार्वजनिक होना चाहिए। अंजोरदास घृतलहरे ने कहा आठ साल में झाइम की मोटी कमाई कौन खाया, कौन पचाया, अब धीरे धीरे लोग समझ रहे है। किसान भाई समिति में जो सहायक उत्पाद या जैविक उत्पाद के नाम से बाल्टी एवं पैकेट ले रहे हैं उसका होलसेल रेट पता कर ले। किसानों के पसीने से बैंकाक यात्रा, कार, एसी, फ्रीज, एलईडी लेने वाले कितने किसान हितैषी है यह समझा जा सकता है।
 

बैठक में होगी बात
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक दुर्ग के अध्यक्ष राजेन्द्र साहू ने कहा कि नवागढ़ विधानसभा के समितियों में जब्त झाइम के साथ वर्तमान स्थिति पर आगामी बैठक में अधिकारियों से पूरी जानकारी ली जाएगी।

 

 


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