बेमेतरा

संत रविदास ने की थी भेदभाव से मुक्त समतामूलक समाज की कल्पना-छाबड़ा
01-Mar-2023 4:28 PM
संत रविदास ने की थी भेदभाव से मुक्त समतामूलक समाज की कल्पना-छाबड़ा

‘छत्तीसगढ़’ संवाददाता
बेमेतरा, 1 मार्च।
क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पिपरोलडीह में आयोजित संत रविदास जयंती एवं भूमिपूजन समारोह में मुख्यअतिथि आशीष छाबड़ा विधायक बेमेतरा शामिल हुए। विधायक निधि से स्वीकृत संत रविदास सामुदायिक भवन निर्माण कार्य राशि 05 लाख रुपए का नारियल तोड़ भूमिपूजन किया।

इस अवसर पर विधायक छाबड़ा ने कहा कि संत रविदास कहते है कि हरि के समान कीमती हीरे को छोडक़र अन्य की आशा करने वाले अवश्य नरक को जाएंगे। यानी प्रभु की भक्ति को छोडक़र इधर-उधर भटकना व्यर्थ है। उन्होंने लोगों को संदेश दिया कि धर्म के नाम पर झगड़ा करना व्यर्थ है, इसलिए हमें उनके जीवन से प्ररेणा लेनी चाहिए और उनके आदर्शों पर चलना चाहिए। संत रविदास की मशहूर कहावत ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’ को ज्यादातर लोगों को बोलते हुए सुना होगा. इस कहावत का अर्थ है अगर व्यक्ति का मन शुद्ध है, किसी काम को करने की उसकी नीयत अच्छी है तो उसका हर कार्य गंगा के समान पवित्र है।

संत रविदास ने देश में फैले ऊंच-नीच के भेदभाव और जाति-पात की बुराईयों को दूर करते हुए भक्ति भावना से पूरे समाज को एकता के सूत्र में बाधने का काम किया था।
इस अवसर पर गणेश सिवारे, शुभम वर्मा, प्रवीण शर्मा, देवशरण गोसाई, भावसिह राज, बसंत जोशी, बीरेंद्र पाठक सरपंच, मनीष लहरे,मोहनदास वैष्णव, चिंता कोशले, प्रदीप पाठक, जयप्रकाश राज, मोहित पाठक, शिवकुमार शिवारे, नीलकण्ड लसेल, हरिशंकर तुरकाने, भोजराम, कलाराम मुरझा, सनत कुमार, रामाधार पाठक, सीताराम मुरझा, आजूराम रसेल, मंगलूराम मीरझा, मनोहर लाल, रतिराम मोहन लहरे सहित बड़ी संख्या में समाज के पदाधिकारीगण एवं ग्रामवासी उपस्थित थे।


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